चंडीगढ़ । हरियाणा की गठबंधन सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा स्पीकर द्वारा मंजूर कर लिया गया है. 10 मार्च को इस प्रस्ताव पर पहले चर्चा होगी, उसके बाद मतदान करवाया जाएगा. तीन कृषि कानूनों के कारण बने माहौल के मद्देनजर सरकार के खिलाफ कांग्रेस यह प्रस्ताव लेकर आई है, क्योंकि गठबंधन सरकार में सहयोगी जजपा पार्टी के कुछ विधायक इन कृषि बिलों के समर्थन में बोलते नजर आए हैं. कुछ निर्दलीय विधायक भी गठबंधन सरकार का साथ छोड़ चुके हैं. इसी मौके का फायदा उठाकर कांग्रेस पार्टी सरकार को बहुमत के फेर में उलझाना चाहती है.
नेता प्रतिपक्ष भुपेंद्र हुड्डा समेत 25 विधायकों के हस्ताक्षर वाला यह प्रस्ताव कांग्रेस ने सत्र के पहले दिन ही शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया. हुड्डा ने राज्यपाल अभिभाषण के बाद विधायी कार्यों के दौरान सदन में खड़े होकर स्पीकर से पुछा कि उन्होंने जो अविश्वास प्रस्ताव दिया था,उसका क्या हुआ.
इस पर स्पीकर ने कहा कि आपका प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है. 10 मार्च को सदन में चर्चा के लिए रखा जाएगा. इस पर हुड्डा ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दे दिया है, चर्चा व मतदान आज हो या बाद में ,वो आपको देखना है.
वहीं सदन की कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कांग्रेस के इस अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के पल्ले कुछ नहीं है, उनके पास बोलने के लिए कोई शब्द नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम तो चाहते थे कि शुक्रवार को ही प्रस्ताव पर चर्चा हो लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं करवा पाई. उन्होंने प्रस्ताव पर मतदान के दौरान कांग्रेस को एकजुट रहने की सलाह दी. हमारा अंकगणित पुरा है, गठबंधन सरकार बिना किसी रूकावट के 5 साल अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
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