नई दिल्ली | आधुनिकता के इस युग में आधार कार्ड आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. बैंक से लेकर सिम कार्ड खरीदने की बात हो या फिर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की हर जगह पर आधार कार्ड की उपयोगिता अनिवार्य हो गई है लेकिन इन सबके बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के एक बड़े कदम ने सबको हैरत में डाल दिया है.
EPFO ने जन्मतिथि सत्यापन के लिए आधार कार्ड को दस्तावेजों की सूची से ही बाहर कर दिया है. बता दें कि ईपीएफओ भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का हिस्सा है. यह कदम भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के निर्देश के बाद उठाया गया है. ऐसे में अब आपको EPFO में जन्मतिथि सत्यापन हेतु आधार कार्ड की जगह कोई और दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा.
UIDAI का कहना है कि आधार कार्ड ‘आधार अधिनियम 2016’ के अनुसार जन्मतिथि सत्यापन करने के मानदंडों को पूरा नहीं करता है. आधार कार्ड एक यूनिक 12 अंकों की आईडी है जो किसी व्यक्ति की उसकी डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी जमा करके नामांकन प्रक्रिया से गुजरने के बाद जारी किया जाता है.
आधार कार्ड के लिए नामांकन करने या उसे अपडेट कराते समय UIDAI उस व्यक्ति द्वारा बताई गई जन्मतिथि को उसके द्वारा पेश किए गए डाक्यूमेंट्स के आधार पर दर्ज करता है. इन डाक्यूमेंट्स की लिस्ट UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.
इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक ज्ञापन में कहा गया है कि आधार नंबर का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है लेकिन यह जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है. ऐसे में अब UIDAI के निर्देश पर EPFO ने बताया है कि अब से आधार कार्ड को जन्मतिथि सत्यापन हेतु प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा. ईपीएफओ के इस फैसले को केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है.
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