चरखी दादरी के इन 5 गाँवों के नाम में राम का जिक्र, इतिहास भी है रोचक; यहाँ पढ़े

चरखी दादरी | हरियाणा में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों का दौर जारी है. जिला चरखी दादरी में 167 गांव और 165 ग्राम पंचायतें हैं. 167 में से 2.99 फीसदी यानी पांच गांव ऐसे हैं, जिनके नाम में राम का जिक्र है. प्रत्येक गांव के नामकरण का अपना अनूठा इतिहास है. दादरी जिले के रामनगर, रामबास, रामलवास, जगरामबास और रामपुरा गांव हैं, जिनके साथ राम शब्द जुड़ा हुआ है.

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आपको बता दें कि जगरामबास गांव की आबादी करीब 2900 है. रामबास की आबादी करीब 3 हजार है. रामलवास की जनसंख्या चार हजार है तथा मतदाताओं की संख्या 1,733 है. ग्राम रामपुरा की जनसंख्या 4,500 तथा रामनगर की जनसंख्या 2,000 है. कार्यक्रम केवल उन्हीं मंदिरों में आयोजित किया जाएगा, जिनमें राम या हनुमानजी से संबंधित कोई मूर्ति मौजूद है.

ऐसे पड़ा गांव का नाम

गांव रामपुरा: सरपंच प्रतिनिधि पुरूषोत्तम कुमार ने बताया कि गांव में चार मंदिर हैं. इनमें से बालाजी मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. फिलहाल गांव के सभी मंदिरों की साफ- सफाई की जा रही है. गांव के नाम में राम का नाम होना एक सुखद अनुभव है.

रामबास गांव: सरपंच सुधीर शर्मा ने बताया कि करीब 250 साल पहले भूरावास के एक महाराज कृपानाथ ने इस स्थान पर आकर अपनी तपस्या शुरू की थी. इसके बाद, अनाथ चैनराम भी महाराज के साथ यहीं रहने लगा. बाद में जब गांव बसा तो गांव का नाम बदलकर चैना और रामबास कर दिया गया. 22 जनवरी को गांव के बाबा कृपानाथ मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.

जगरामबास गांव: सरपंच प्रतिनिधि देवेन्द्र कुमार ने बताया कि कई साल पहले जगराम नामक व्यक्ति ने यहां आकर शरण ली थी. बाद में आबादी बढ़ने पर गांव का नाम तय किया गया. चूँकि, यह जगराम का पहला निवास स्थान था इसलिए गाँव का नाम उनके नाम पर जगरामबास रखा गया. गाँव में दो मंदिर हैं. इनमें से बाबा गोपालदास के मंदिर में कार्यक्रम होगा.

गांव रामलवास: सरपंच प्रतिनिधि विनोद कुमार ने बताया कि लगभग 450 वर्ष पूर्व रामलू नामक व्यक्ति ने रामलवास गांव को बसाया था, तभी से गांव का नाम रामलवास पड़ गया. उन्होंने बताया कि गांव में पांच मंदिर हैं. 22 जनवरी को सुबह गांव के बालाजी मंदिर में हवन होगा.

गांव रामनगर: सरपंच प्रतिनिधि सतपाल सांगवान ने कहा कि बुजुर्गों ने भगवान राम में अपनी आस्था के कारण गांव का नाम रखा था. उनका मानना था कि रामराज्य में सभी सुखी रहते हैं. उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को गांव के शिव मंदिर में भजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. साथ ही, पूरे गांव में दीपक जलाए जाएंगे.

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