चंडीगढ़ | हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे न केवल आमजन बल्कि पशुओं को बचाना भी एक चुनौती बनी हुई है. ऐसे मौसम में पशुपालकों के लिए अपने पशुओं को बचाकर रखना चिंताजनक बना हुआ है. भीषण ठंड में पशुओं की सही तरीके से देखभाल न की जाएं तो इसका असर दुग्ध उत्पादन पर भी देखने को मिल रहा है जबकि छोटे पशु सर्दी की चपेट में आकर बीमार हो जाते हैं.
ठंड से बचाव करना बड़ी चुनौती
पशुपालन विभाग के डाक्टर विनोद दहिया ने बताया कि लगातार ठंड बढ़ने से पशुपालकों की परेशानी भी बढ़ रही है. ज्यादा ठंड लगने से पशुओं की मौत तक हो जाती है. ऐसे में पशुओं की विशेष देखभाल करना बेहद जरूरी हो जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में पशुओं को खुले स्थान पर न रखें. पशुओं को ढक कर रखें और उनके खाने- पीने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने बताया कि ठंड से बचाव के लिए पशुओं को सरसों की खल्ली दें और दाना अधिक मात्रा में दें.
इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. विजय दहिया ने बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं के शरीर का तापमान संतुलित रखने के लिए उन्हें गुनगुना पानी पिलाएं और हो सके तो पानी में गुड़ व हल्दी भी मिला सकते हैं. वही, पशुओं को जोक की दवाई अवश्य दें, इससे पेट में होने वाले कीड़ों से आराम मिलता है.
उन्होंने बताया कि पशुओं में बैक्टीरिया जनित बीमारी खुरहा होने की संभावना बढ़ जाती हैं, ऐसे में इसकी रोकथाम को लेकर पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित वैक्सीनेशन कार्यक्रम में अपने पशुओं को टीका लगवाना सुनिश्चित करें. डॉ. दहिया ने बताया कि ठंड की चपेट में आने पर पशु भोजन करना कम कर देते हैं तो परेशानी और बढ़ जाती है. इसका असर दुग्ध उत्पादन पर भी पड़ता है. ऐसे में समय रहते पशुओं को ठंड से बचाव को लेकर यदि पूरी व्यवस्था कर ली जाए तो इन परेशानियों से निजात मिल सकती है.
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