सरपंचो को बड़ी सौगात, अब गाँवो में कर सकेंगे पांच लाख रूपए तक के काम

चंडीगढ़। हरियाणा में होने वाले पंचायती चुनाव में अभी समय लग सकता है. पंचायतों के कामकाज को प्रशासकों के हवाले कर चुकी, प्रदेश सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए , निवर्तमान जनप्रतिनिधियों को सोमवार से एक बार फिर भी वितीय शक्तियां प्रदान की गई है. बता दें कि मौजूदा सरपंचो और जिला परिषद अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में प्रशासकों को भरोसे में लेकर वित्तीय कार्य करा सकेंगे. साथ ही उनके सामने कार्य करने के लिए एक लक्ष्मण रेखा भी खींची गई है. 5 लाख से अधिक के काम ऑनलाइन टेंडर के जरिए ही अलोट होंगे. इस धनराशि से कम राशि के काम जनप्रतिनिधियों को अपने स्तर पर अलॉट करनेे की  छूट दी गई है.

Dushyant Choutala

पंचायत प्रतिनिधियों को प्रदान किए गए दोबारा वित्तीय अधिकार

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा यह आदेश जारी किया गया. उन्होंने चंडीगढ़ में रविवार को बताया कि सभी अधिकारियों को पंचायत प्रतिनिधियों को सशर्त वित्तीय अधिकार प्रदान करने के बारे में सूचित कर दिया गया है. सरकार द्वारा 16 फरवरी से सभी पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए गए थे. पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को पहले ही पूरा हो चुका है. राज्य में अब सो नई पंचायतें बनी है, जबकि 400 पंचायतें ऐसी है जो गुरुग्राम पानीपत और फरीदाबाद जिलों में आती है और पूरी तरह से शहरी  क्षेत्र में मानी जाती है. जब दुष्यंत चौटाला से पंचायत के चुनावों की तारीख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग को इसके बारे मे जनवरी में लिखा जा चुका है. डाटा तैयार हो रहा है, कई जगह नई वार्डबंदी की प्रक्रिया भी जारी है. जैसे ही है प्रक्रिया खत्म होती है.

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राज्य में पंचायती चुनाव कराए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले साल 1800 पंचायतों में  मनरेगा का पैसा खर्च नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार यह राशि 1000 करोड रुपए तक खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसमें से 861 करोड 60 लाख की राशि मनरेगा के कामों पर खर्च हो भी चुकी है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर योजना के तहत राज्य में 690 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया जाना था. इस कार्य के एक चरण का कार्य पूरा हो चुका है. 550 करोड़ की लागत से 120 नई सड़कें बनानी स्वीकृत की गई है. जो 1217 किलोमीटर लंबाई में है. बता दें कि इन सड़कों को 14 जिलों में बनाया जाएगा.

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कोरोना के कारण देरी से खत्म होगा, वितीय वर्ष 

डिप्टी सीएम ने कहा कि वैसे तो वित्तीय वर्ष मार्च में खत्म होने वाला था. लेकिन कोंरोना के कारण 19 मई को वित्तीय वर्ष आरंभ हुआ था, अब यह 20 मई को समाप्त होगा. गांव के अंदर यदि कोई पंचायत ठेका नहीं खुलवाना चाहती. तो उसे डीसी के माध्यम से सरकार के पास 15 मार्च तक इसके लिए प्रस्ताव भेजना होगा. उन्होंने बताया कि 2019 – 20 में 3048 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आए थे, जिसमें से 57 ही स्वीकार हुए थे और 48 को रिजेक्ट कर दिया गया था. बाकी प्रस्तावों में तमाम खामियां थी. 2020 – 21 में 898 एप्लीकेशन आई है.

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430 गांव में ठेके नहीं खोले गए. डिप्टी सीएम ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस साल सबसे अधिक राजस्व एकत्रित किया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीसरी तिमाही में 1421 करोड रुपए का राजस्व आया है. एसईटी और एसआईटी की जांच से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इनसे हमारे विभागों का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन रजिस्ट्री की जांच के मामले में सिस्टम को सुधारने के लिए हमने 6 मंडलों से जांच करवाई है.

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