हिसार । फिल्म दंगल में दिखाई फोगाट बहनों की कहानी हिसार के बुडाक गांव की सोनू व पुनम पर सटीक बैठती हैं. ये दोनों बाकसर बाकिंसिग में इतनी तेज हैं कि अच्छे अच्छे बाक्सर भी इनके सामने धराशाई हो गए. इनकी कहानी भी फोगाट बहनों की तरह काफी रोचक है, पिता ओमप्रकाश शहर में टैक्टर से सामान लाने का काम करते हैं. तैयारी करने के लिए आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं थी. इसके लिए पहले बड़ी बहन सोनू ने बांकसिग में हाथ आजमाया और नेशनल खेलों में स्वर्ण पदक जीता. छोटी बहन पूनम कमजोर थी, बड़ी बहन ने जब उसे बाकसिंग दिखाई तो उसका जोश भी सातवें आसमान पर पहुंच गया.
दोनों बहनों में से पहले पूनम ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता.इनके पंचों से विदेशी धराशाई हो गए. बेटियां बेटों के समान दिखें, इसके लिए पिता ने बाल भी लड़कों की तरह रखवाने शुरू कर दिए.यही कारण है कि महिला दिवस पर राज्य स्तरीय महिला सम्मान समारोह में पूनम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के द्वारा सम्मानित करने के लिए चयनित किया गया है.
लॉकडाउन में लोहे की रॉड पर ईंट बांधकर किया अभ्यास
18 वर्षीय पूनम मौजूदा समय में 57 किलोग्राम भार वर्ग में रोहतक के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस में पौलेंड में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता की तैयारी कर रही है. मगर हमेशा से सब कुछ ठीक नहीं था. कोरोना काल के दौरान अभ्यास भी करना था, उपकरण भी खरीदने थे. ऐसे में पूनम ने लोहे की रॉड पर ईंट बांधकर अपना अभ्यास जारी रखा. मौजूदा समय में सोनु का चयन बीएसएफ दिल्ली में हो गया है, वहीं पर वह खेलों की तैयारी कर रही है.
दुध-रोटी खाकर बनाई सेहत
पिता ओमप्रकाश की आय सीमित होने के कारण पूनम सोनु की डाइट के लिए कुछ खास नहीं था. घर पर ही दोनों बहनों ने दुध रोटी खाकर अपनी सेहत बनाई. दोनों बहनों का लक्ष्य है कि जिस प्रकार वे अभी तक गोल्ड मेडल जितती आई है,देश के लिए आगे आने वाली प्रतियोगिताओं में एक साथ गोल्ड मेडल जीतकर लाएं. बेटियों के इस शानदार प्रदर्शन पर पिता ओमप्रकाश का कहना है कि आज के युग में बेटियां किसी भी मामलों में बेटों से कम नहीं है. खेलों के मामले में भी आज बेटियां बहुत शानदार प्रदर्शन कर रही है, उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व है.
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