फरीदाबाद | मलेशिया में एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय बैडमिंटन टीम को ऐतिहासिक खिताब दिलाने वाली अनमोल खरब की कहानी बहुत दिलचस्प है. फरीदाबाद के सेक्टर- 16 की अनमोल रहने वाली है. पिता देवेन्द्र खरब तो अनमोल को लेकर मलेशिया गए हुए हैं. मां राजबाला ने बताया कि किसानों के दिल्ली कूच के कारण वहां इंटरनेट बाधित था, इसलिए वह अनमोल का मैच नहीं देख सकीं.
मां ने कही ये बात
राजबाला बताती हैं कि एक बार स्कूल में पांचवीं क्लास में अनमोल को पीछे की बेंच पर बैठाया गया, यह उन्हें पसंद नहीं आया और जिद करके पीछे से उठकर आगे की बेंच पर बैठ गईं. वह पढ़ाई में अच्छी थी. इसलिए क्लास टीचर ने नेतृत्व क्षमता पहचान क्लास का मॉनिटर बना दिया. कभी भी स्वयं को किसी से कमतर नहीं समझा. आक्रामक रवैये ने आगे बढ़ने में मदद की. गर्मियों में जब प्रैक्टिस के दौरान वह थककर चूर हो जाती थी तो मां राजबाला पसीने से लथपथ अपनी बेटी अनमोल को कभी नींबू पानी, कभी छाछ तो कभी फलों का जूस पिलाकर तरोताजा कर देती थीं.
रहता था टॉप पर हमेशा अनमोल का नाम
जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला और महासचिव संजय सपरा ने बताया कि जब भी कोई टूर्नामेंट होता था, तो जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में अनमोल का नाम हमेशा टॉप पर रहता था और वह अपने से बड़ी उम्र के खिलाड़ियों को हराकर खिताब जीतती थी.
पिछले साल मानव रचना शिक्षण संस्थान ने अनमोल खरब को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया था, तब अनमोल ने भविष्य में बड़े खिताब जीतकर अपने जिले, हरियाणा राज्य, मानव रचना और केएल मेहता स्पोर्ट्स अकादमी का नाम रोशन करने का वादा किया था.
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