चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान BJP के साथ गठबंधन सरकार में शामिल JJP पार्टी के 3 वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए. नारनौंद विधानसभा क्षेत्र से जजपा विधायक रामकुमार गौतम और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली और बात तू- तू- मैं- मैं तक पहुंच गई. बात यहीं खत्म नहीं हुई, दोनों ने सदन में एक- दूसरे से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली.
मेरे पास 35 हजार वोट थे
सदन में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए रामकुमार गौतम ने दुष्यंत चौटाला को सीधे निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि तेरे पास 14 विभाग है तो भुपेंद्र हुड्डा को नहीं मुझे तकलीफ़ हैं. 2019 के विधानसभा चुनावों में मुझे इसलिए टिकट दी गई थी क्योंकि मेरे पास 35 हजार वोट थे. मैं तेरी मदद से नहीं जीता. उस समय मेरे पास और पार्टियों का भी ऑफर था. मैं निर्दलीय चुनाव लड़ता तो भी 35 हजार वोट ले जाता. ऐसी बातें करना ठीक नहीं है. इसके साथ ही गौतम ने दुष्यंत चौटाला को अनेक बार उनकी चुनावों में मदद करने की बात भी दोहराई.
दुष्यंत ने इस्तीफा देने की बात कही
रामकुमार गौतम जब लगातार निशाना साध रहे थे तो उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बीच में खड़े होकर कहा कि मैं पिछले 4 साल से आपकी ये बातें सुनता आ रहा हूं. मेरे वोट थे, मेरे वोट थे. अगर आपके इतने ही वोट है तो इस्तीफा लिखो और जाओ. यह सुनकर गौतम तिलमिला उठे और डिप्टी सीएम से कहा कि इस्तीफा तू दे दे.
पंचायत मंत्री के साथ भिड़े
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से बहसबाजी के बाद JJP विधायक रामकुमार गौतम ने अपनी ही पार्टी से विधायक और पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली के महकमे पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां सारे कमीशनखोर बैठे हुए हैं. सरकार को चाहिए कि पंचायती राज संस्थाओं में ई- टेंडरिंग प्रणाली को बंद किया जाए.
गौतम के आरोपों पर बबली तिलमिला उठे और उन्होंने कहा कि हमारा पंचायती राज विभाग पर पूरा नियंत्रण है. मैं आपकी इज्जत करता हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप जो मुंह में आएं, बोल देंगे. यदि विभाग में कोई कमीशनखोर है तो उसका नाम दो, मैं ठोककर कार्रवाई करूंगा.
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