चंडीगढ़ | हरियाणा में पहले ही कौशल रोजगार निगम (HKRN) का गठन किया जा चुका है. इस निगम के जरिए आउटसोर्सिंग भर्ती की जाती है तथा युवाओं को रोजगार दिया जाता है. HKRN को बनाने के पीछे सरकार का यही लक्ष्य था कि ठेकेदारों की मनमानी से बचा जा सके. सरकार के इस कदम से राज्य में बेरोजगारी की दर को कम करने और युवाओं के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान में मदद मिल रही है. इसी को देखते हुए अब चंडीगढ़ में इस तरह के निगम को बनाने की कवायद की जा रही है.
चंडीगढ़ में भी बनेगी एजेंसी
बता दें कि चंडीगढ़ में भी हरियाणा की तर्ज पर रोजगार निगम बनाने की तैयारी की जा रही है. चंडीगढ़ में सेवारत लगभग 16,500 आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. यूटी प्रशासन कर्मचारियों के लिए हरियाणा की तर्ज पर कौशल विकास एवं रोजगार निगम या नोडल एजेंसी बनाने पर विचार विमर्श कर रहा है. बीते बुधवार को यूटी सचिवालय में प्रशासक के नवनियुक्त सलाहकार राजीव वर्मा और गृह सचिव नितिन यादव के बीच इस बात को लेकर चर्चा भी की गई थी.
भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक
कर्मचारियों के लिए यदि इस तरह की नोडल एजेंसी या निगम का प्रावधान होता है, तो उनका शोषण रुक पायेगा और भर्तियों में कथित भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसी जा सकेगी. प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा ने बुधवार को शहर के विभिन्न वर्गों से समस्याओं और समाधान को लेकर चर्चा की. इस दौरान उन्हें कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी गई.
2 महीने से नहीं मिली तनख्वाह
शहर में विभिन्न विभागों में ठेके पर तैनात कई कर्मचारियों को 2- 2 महीने से सैलरी नहीं मिली है. इसे लेकर कर्मचारियों की तरफ से आए दिन प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. बातचीत के दौरान गृह सचिव नितिन यादव ने सुझाव पेश किया कि कर्मचारियों के लिए रोजगार निगम या कोई एजेंसी बनाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है.
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