तो इसलिए हरियाणा को छोड़कर बड़ी-बड़ी कंपनियां जा रही है नोएडा, यूपी कर रहा है तैयारी, जानिये पूरा मामला

नोएडा | हाल ही में हरियाणा सरकार नया एंप्लॉयमेंट बिल लेकर आई है. इस बिल के आते ही हरियाणा में बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में खलबली मच गई. रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि हरियाणा की बड़ी इंडस्ट्रीयों ने यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरफ देखना शुरू कर दिया है. यूपी सरकार भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में है. इसके लिए लेबर लॉ से लेकर जमीन आवंटन तक के लिए तमाम तरह की रियायतें दी जा रही है.

 

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इंडस्ट्रियल एक्सपर्ट केसी जैन ने बताया,क्या है बिजनेस के लिए सबसे इंपॉर्टेंट 

इंडस्ट्रियल एक्सपर्ट केसी जैन बताते हैं कि कारोबार चाहे छोटा हो या बड़ा उसके लिए रेल, सड़क और हवाई ट्रांसपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण होता है. अगर हम नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट अथॉरिटी की योजना को देखें, तो जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम काफी जोरों शोरों से चल रहा है.

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दिल्ली -मुंबई के फासले को चंद घंटे के सफर में बदलने के लिए दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे को भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. बता दे कि ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो लाइन शुरू हो रही है. इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन जेवर एयरपोर्ट के पास भी बनाया जाएगा. आगरा- अलीगढ़ को जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेस वे, पहले से बना हुआ है. आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे अभी चालू है.

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जानिए नए एंप्लॉयमेंट बिल के बारे में विस्तार से

हरियाणा सरकार जो नया एंप्लॉयमेंट बिल लेकर आई है, इस बिल के मुताबिक छोटी बड़ी इंडस्ट्री में ₹50000 से कम वेतन वाले स्टाफ की कुल संख्या का 75 फीसद हरियाणा को देना होगा. हरियाणा के युवाओं को भर्ती करना होगा. इंडस्ट्रियल एक्सपर्ट केसी जैन का कहना है कि इस तरह का बिल किसी भी राज्य में व्यवहारिक नहीं है. ऐसा पॉसिबल ही नहीं है कि किसी एक राज्य में आपको ट्रेड लेबर व स्टाफ मिल जाए.

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इसी मामले में पटियाला स्थित पंजाबी यूनिवर्सिटी की 2018 की एक रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा की इंडस्ट्री में 59 फ़ीसदी लेबर प्रवासी मजदूर है,  मतलब हरियाणा के बाहर से है. केसी जैन का कहना है कि बिजनेस के मामले में आज अगर इंटरनेशनल लेवल पर हरियाणा का नाम लिया जाता है. ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इसमें किसी और का योगदान नहीं है. गुरुग्राम से हाईटेक शहर का आईजीआई एयरपोर्ट से नजदीक होना, देश की राजधानी के पास स्थित होना भी इसका एक बड़ा कारण है. इसी के चलते काफी बड़ी कंपनियों ने गुरुग्राम में अपने पैर पसार रखे हैं.

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