झज्जर | हरियाणा में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें कानून का कोई डर नहीं रहा है. कल देर शाम बहादुरगढ़ में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी पर दनादन गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया. इस हमले में उनके एक साथी की भी मौत हो गई है जबकि 2 सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. वहीं, अपनी पार्टी के नेता पर हमले की खबर मिलते ही अभय चौटाला बहादुरगढ़ पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की.
अभय चौटाला ने कही ये बात
परिजनों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि इस वारदात के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ नहीं है. उनकी तरफ से कोई धमकी मिली होती तो भी ये बात मान लेते. इसके लिए सीधे- सीधे हरियाणा सरकार जिम्मेदार है. वो पिछले 6 महीने से अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.
पुलिस ने दिया था इनपुट
अभय चौटाला ने बताया कि करीब छह महीने पहले जब गुरूग्राम में मेरे आवास पर उनसे मुलाकात हुई थी तो उन्होंने मुझे बताया था कि पुलिस ने उन्हें इनपुट दिया है कि उनकी जान को खतरा है. उन पर कभी भी हमला हो सकता है. मैंने तभी झज्जर एसपी से फोन पर बात कर उन्हें कहा था कि आप के ही पुलिसकर्मियों ने हमला होने का इनपुट दिया है. इसकी जांच होनी चाहिए और जो लोग इस तरह की वारदात करने के फिराक में है, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि नफे सिंह राठी कोई मामूली व्यक्ति नहीं थे बल्कि हमारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे और साथ ही दो बार विधायक भी रहे हैं. पूर्व विधायक एसोसिएशन के वो अध्यक्ष भी थे. अभय चौटाला ने कहा कि पूर्व विधायकों ने भी मिलकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस तरह की वारदात की बात कही थी लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई.
सरकार को मानता हूं दोषी
INLD नेता अभय चौटाला ने कहा कि सरकार नफे सिंह राठी को सुरक्षा देने की बजाय उन लोगों को सुरक्षा मुहैया करवा रही थी जो इस धमकी में शामिल थे. जिसको सुरक्षा की जरूरत है उसको लेकर मुख्यमंत्री कहता है कि वे प्रदेश के आम आदमी को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते हैं. अगर मुख्यमंत्री ही इस तरह के बयान देगा तो समझ लो कि सूबे में जंगलराज है और आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है.
चौटाला ने कहा कि ऐसे में आप समझ सकते हैं कि इस तरह के लोग किसी के भी घर में घुसकर वारदात कर सकते हैं. इस हमले के लिए मैं सरकार को दोषी करार देता हूं, मुख्यमंत्री को दोषी मानता हूं. यदि कोई व्यक्ति लिखित में सुरक्षा की मांग करता है तो सरकार का हक बनता है कि उसकी जांच करवाई जाए कि उसे सुरक्षा की जरूरत क्यों है. अगर वाकई में उसे सुरक्षा की जरूरत है तो फिर सरकार की उस व्यक्ति को सुरक्षा देना जिम्मेदारी बनती है.
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