चंडीगढ़ | हरियाणा में हुक्का बार को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस संबंध में गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा विधानसभा में बिल पेश किया, जो सोमवार शाम यानी 26 फरवरी को पास हो गया. सरकार ने एक विधेयक पास किया है. इसके अनुसार, हुक्का परोसने और भोजनालयों सहित किसी भी स्थान पर हुक्का बार खोलने या संचालित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
सरकार ने इस अपराध को गैर जमानती श्रेणी में रखा है. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक 2024 को भी विधानसभा से मंजूरी मिल गई है. सरकार ने दावा किया कि कई रिपोर्टों से पता चला है कि होटल और रेस्तरां के हुक्का बार में निकोटीन युक्त तंबाकू परोसा जाता है.
देश में बने हुक्का पर कोई प्रतिबंध नहीं
बता दें कि विधानसभा में इस विधेयक के पारित होने से राज्य में किसी भी प्रकार का कोई हुक्का बार संचालित नहीं होगा. इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बिल के मुताबिक, अगर किसी होटल- रेस्तरां या अन्य भोजनालय में हुक्का परोसा गया तो होटल- रेस्तरां मालिक को 5 साल की सजा और 5 से 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा.
इस वजह से किया बैन
हरियाणा सरकार ने हुक्का बैन करने के पीछे वजह बताई कि हुक्का बार में जड़ी- बूटियों के नाम पर तंबाकू युक्त निकोटीन के साथ प्रतिबंधित दवाएं परोसी जाती हैं, जो धुएं और पानी के जरिए लोगों के शरीर में पहुंचती हैं. इसका धुआं न सिर्फ धूम्रपान करने वाले लोगों को बल्कि आसपास के लोगों को भी प्रभावित करता है. इसको लेकर कानून बनाना बहुत जरूरी हो गया था. इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
पारंपरिक हुक्के के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं
सरकार ने आम तौर पर गाँवों और चौपालों पर पारंपरिक हुक्के के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. ऐसे में राज्य के बुजुर्ग चौपड़ पर देसी हुक्के का आनंद लेते हुए देश- प्रदेश और सामाजिक चर्चाओं में हिस्सा लेते थे. वह पारंपरिक हुक्का पीते हुए उसका आनंद लेना जारी रख सकते हैं.
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