रेवाड़ी | हरियाणा के जिला रेवाड़ी में एक दशक से जन स्वास्थ्य विभाग कम भंडारण क्षमता के कारण गर्मी के मौसम में वैकल्पिक दिनों में पानी की आपूर्ति कर रहा है. समस्या तब और भी विकराल हो जाती है, जब नहरी पानी की आपूर्ति में देरी होती है. शहर के लोगों को टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है. दरअसल, जनस्वास्थ्य विभाग ने नए वाटर वर्क्स के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था.
मुश्किल से मिलेगा पानी
सरकार इसके लिए पैसा भी जारी करने को तैयार थी, लेकिन शहर के आसपास पंचायत की जमीन न मिलने के कारण विभाग ने एस्टीमेट सरेंडर कर दिया. विभाग ने गांव चंदावास सहित कई स्थानों पर जमीन भी देखी, लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई. 1 महीने में गर्मी अपने चरम पर पहुंचने वाली है. हर साल की तरह इस बार भीषण गर्मी में शहरवासियों को किस्तों में ही पानी मिलेगा.
अगर नहर का पानी समय पर नहीं आया तो शहर के लोगों को बूंद- बूंद के लिए तरसना पड़ेगा. गर्मी के मौसम में करीब एक दशक से चली आ रही पेयजल समस्या का खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो सका है. शहर में पानी की कमी का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है. सरकार अतिरिक्त वाटर वर्क्स के निर्माण के लिए पैसा देने को तैयार है, लेकिन अभी तक जनस्वास्थ्य विभाग को वाटर वर्क्स के लिए जमीन नहीं मिल पाई है.
जनसंख्या के हिसाब से भंडारण क्षमता कम
शहर में प्रतिदिन लगभग 27.82 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है. लिसाना वाटर वर्क्स में प्रतिदिन 53.2 लाख लीटर पानी की खपत होती है. कालाका वाटर वर्क्स प्रतिदिन 22.5 मिलियन लीटर पानी की खपत करता है. पब्लिक हेल्थ के पास कालाका वाटर वर्क्स में पांच और लिसाना में 3 जल भंडारण टैंक हैं. नहरी पानी की नियमित आवक नहीं होने के कारण इन टैंकों की भंडारण क्षमता शहर को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं कर पा रही है.
शहर में जन स्वास्थ्य विभाग के करीब 30 हजार पंजीकृत उपभोक्ता हैं. इसके अलावा, कई नई कॉलोनियों में भी कनेक्शन किए गए हैं जो बिना रजिस्ट्रेशन कराए चल रहे हैं. विभाग की ओर से इन कनेक्शनों को नियमित भी किया जा रहा है. शहर की आबादी बढ़ने के साथ ही तालाबों की भंडारण क्षमता कम होने लगी है.
एक्सईएन ने कही ये बात
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!पिछले दिनों वाटर वर्क्स के लिए जमीन फाइनल होने वाली थी, लेकिन इसमें कुछ रुकावट आ गई. अब दोबारा उपयुक्त जमीन की तलाश की जा रही है. विभाग नए वाटर वर्क्स बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन जगह की कमी के कारण योजना पूरी नहीं हो पा रही है. बता दें कि इसके लिए स्थान की तलाश 2 साल से चल रही है- विनय चौहान, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग