चंडीगढ़ | हरियाणा में पिछले शनिवार को हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की खट्टर सरकार की एक शर्त ने चिंता बढ़ा दी है. बता दें कि हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5 एकड़ की शर्त ने किसानों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. किसान सिर्फ इतने नुकसान की रिपोर्ट ही क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर पा रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 15 मार्च तक का ही समय दिया है. इसको लेकर किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. हालांकि, सीएम मनोहर लाल ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह जल्द- से- जल्द फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें.
किसानों में नाराजगी
किसानों का कहना है कि जिन किसानों का 5 एकड़ से ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें पोर्टल पर बहुत दिक्कत आ रही है. एक किसान ने बताया कि मेरे पास 25 एकड़ में गेहूं की फसल है और बारिश व ओलावृष्टि के चलते अधिकांश फसल में नुकसान पहुंचा है. मेरे द्वारा पोर्टल पर नुकसान की रिपोर्ट अपलोड करने का प्रयास किया गया कि मुझे कितना नुक़सान हुआ है, लेकिन पोर्टल 5 एकड़ से ज्यादा फसल के नुकसान को दर्ज करने में सफल नहीं रहा.
फिर डिजाइन हो पोर्टल
असंध से कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार को 5 एकड़ की सीमा हटाकर क्षतिपूर्ति पोर्टल को फिर से डिजाइन करना चाहिए. सरकार को किसानों को वास्तविक एकड़ जमीन अपलोड करने की अनुमति देनी चाहिए, जहां उन्हें नुकसान हुआ है. सरपंच या नंबरदार की उपस्थिति में भौतिक गिरदावरी हो और जल्द से जल्द प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि दी जानी चाहिए.
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