अब गांवो के बिजली बिल का दो प्रतिशत मिलेगा ग्राम पंचायत को

चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिक्षित पंचायतों की परिकल्पना की थी और ग्राम पंचायतों को और अधिक मजबूत बनाने की योजना बनाई थी. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में शुक्रवार को पेश किए गए बजट में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की परिपाटी के तहत पंचायतों की शक्तियों को और अधिक बढ़ा दिया है. साथ ही उन्होंने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम भी उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले विभिन्न विभागों की अधिकतर योजनाओं को पंचायती राज संस्थाओं को स्थानांतरित करने पर काम किया जा रहा है.

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ग्राम दर्शन के तहत विकास कार्यों में ग्रामीणों की होगी सीधी भागीदारी

इसके पश्चात ग्रामीण विकास हेतु प्रदेश या जिला स्तर पर पंचायतों की निर्भरता खत्म हो जाएगी. ग्राम दर्शन के नाम से इस मुहिम के अंतर्गत एक नई पहल शुरू की गई है. इस नई पहल से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में ग्रामीण लोगों की सीधी भागीदारी होगी और यह पहल विकास कार्यों में फैसला करने की शक्ति का विकेंद्रीकरण करेगी.

इन 2 तरीकों से पंचायतों को होगा 500 करोड़ का लाभ

हरियाणा सरकार ने इसी वर्ष से ग्रामीण क्षेत्र में संपत्ति मूल्य के 2% के बराबर स्टांप फीस का एक्स्ट्रा शुल्क भी लगाया है. इसके साथ ही सरकार ने 2% उपकर बिजली की खपत पर लगाया है. हरियाणा की पंचायतों को इन दोनों तरीकों से 500 करोड़ रुपयों की वार्षिक आय होगी. इन सभी संस्थाओं की कार्यप्रणाली को और ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बनाने हेतु 5 लाख रुपयों से ज्यादा की अनुमानित लागत के सभी कार्य सिर्फ ई टेंडर के जरिए करवाए जाएंगे एवं निगरानी प्रणाली को विकसित किया जाएगा.

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कचरा प्रबंधन की इतनी परियोजनाओं को मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सदन में बताया कि हरियाणा को जून 2017 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौच मुक्त घोषित कर दिया गया था. अब इसी मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में तरल व ठोस कचरा प्रबंधन, ओडीएफ की स्थिति की स्थिरता को बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा. 663.20 करोड रुपयों की लागत से तरल कचरा प्रबंधन की 1807 और ठोस कचरा प्रबंधन की कुल 1542 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है.

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