नई दिल्ली | केन्द्रीय माध्यमिक विद्यालय शिक्षा बोर्ड (CBSE) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. एकेडमिक और वोकेशनल विषयों के अंतर को खत्म करने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों में नेशनल फ्रेमवर्क (N.C.R.F) शुरू करने की गाइडलाइंस जारी की है. इस फ्रेमवर्क को अकेडमिक वर्ष 2025 से शुरू किया जाएगा, लेकिन बोर्ड ने स्कूलों को अभी से इस पर काम करने का आदेश दिया है. कक्षा 11वीं व 12वीं के छात्रों को जो क्रेडिट प्वाइंट्स दिए जाएंगे, वे उनके कालेज एडमिशन के दौरान भी जोड़े जाएंगे.
वोकेशनल ट्रेनिंग अनिवार्य
गतिविधियों के लिए भी छात्रों को क्रेडिट प्वाइंट्स दिए जाएंगे. अगले साल से कम से कम एक विषय में कक्षा छठी से बारहवीं के स्टूडेंट्स को वोकेशनल ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा. इससे वोकेशनल एजुकेशन जैसे ब्लू पॉटरी, ब्यूटीशियन, फाइनैंशियल लिटरेसी जैसे विषयों को भी बढ़ावा मिलेगा.
वहीं, सीबीएसई बोर्ड के इस फैसले से छात्रों को एक अलग से स्किल सब्जैक्ट सीखने का मौका मिलेगा. साथ ही, आगे करियर चुनने में भी आसानी होगी. स्कूलों को एक स्किल लैब शुरू करनी होगी, जिसमें बच्चे अपनी रुचि अनुसार विषयों पर काम कर सकेंगे.
ऐसे मिलेंगे क्रेडिट प्वाइंट्स
स्कूलों में वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए शिक्षक ITI या लोकल इंडस्ट्री एक्सपर्ट से टाई- अप करके छात्रों को स्किल सिखा सकते हैं. साल में 1200 घंटे की पढ़ाई पर स्टूडेंट्स को 40 क्रैडिट अंक मिलेंगे. इनमें से 950 घंटे स्कूल की पढ़ाई और 250 घंटे छात्र फील्ड में जाकर क्रैडिट पॉइंट प्राप्त कर सकता है.
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