गुरुग्राम | देश के सबसे छोटे और बुनियादे ढांचे का चमत्कार कहे जाने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किलोमीटर लंबे हरियाणा खंड का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 मार्च को उद्घाटन कर चुके हैं. यह एक्सप्रेसवे यातायात प्रवाह में सुधार करने के साथ ही NH- 48 पर ट्रैफिक दबाव कम करने में मददगार साबित होगा बल्कि दिल्ली- NCR क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा भी देगा.
इस एक्सप्रेसवे को हाईस्पीड गलियारे के रूप में विकसित किया गया है. इस एक्सप्रेसवे पर टू- व्हीलर और गैर- मोटर चालित वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. NHAI ने बताया है कि ऐसे वाहन एक्सप्रेसवे के दोनों ओर प्रदान की गई सर्विस लेन का इस्तेमाल कर सकते हैं.
8 लेन एक्सप्रेसवे पर रफ्तार भरेंगे वाहन
हरियाणा के गुरुग्राम खंड में द्वारका एक्सप्रेसवे पर दोनों साइड फोरलेन बनाया गया है. खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से एक पिलर पर डिजाइन किया गया है. इस डिजाइन से जहां जमीन पर जगह बच रही है. साथ ही, भारी शहरी यातायात के लिए व्यापक सेवा सड़कों के लिए भी जगह छोड़ रहा है.
इंटरचेंज से एक्सप्रेसवे पर एंट्री
जिस हिसाब से एक्सप्रेसवे को डिजाइन किया गया है, वह किसी भी नई इमारत या व्यवसाय को उसके रास्ते या बगल की सड़कों पर आने से रोकता है क्योंकि आप उन सड़कों से एक्सप्रेसवे पर एंट्री नहीं कर सकते हैं. इसके बजाय, यदि आप मुख्य एक्सप्रेसवे पर जाना चाहते हैं तो आपको विशिष्ट क्षेत्र की सड़कों का उपयोग करना होगा जो इंटरचेंज से जुड़ती हैं.
IGI एयरपोर्ट के अंदर सीधी एंट्री
3.6 किलोमीटर लंबी 8 लेन टनल दिल्ली में IGI एयरपोर्ट के पास द्वारका एक्सप्रेसवे की एक अनूठी विशेषता है. यह टनल गहरी नहीं बल्कि उथली हैं और इसे बनाने के लिए टनल खोदने वाली मशीन की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि यह अंडरग्राउंड टनल नहीं है. यहां टनल निर्माण की जरूरत थी क्योंकि यह इलाका एयरपोर्ट का है और यहां पर एलिवेटेड निर्माण की मंजूरी नहीं है.
टर्मिनल- 3 से कनेक्टिविटी
द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर सीधे टर्मिनल- 3 से कनेक्टिविटी दी गई है. 3 लेन की इस टनल की लंबाई 2.3 किलोमीटर है और यह महिपालपुर से T- 3 को जोड़ता है. एयरपोर्ट के निकटतम खंड, इस सुरंग के 500 मीटर के हिस्से को ब्लास्ट प्रूफ डिजाइन किया गया है.
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था होगी आसान
28.5 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे का तीन चौथाई हिस्सा फ्लाईओवर है और यह शहर के यात्रियों के लिए जमीन पर जगह छोड़ रहा है. यह व्यवस्था दिल्ली- NCR में पुराने राजमार्गों के विपरीत एक्सप्रेसवे यातायात को शहर के यातायात से पूरी तरह से अलग करती है.
4 लेवल का इंटरचेंज
द्वारका एक्सप्रेसवे को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है और इसमें तीन स्थानों शिव मूर्ति, द्वारका में यशोभूमि और गुरुग्राम में IMT मानेसर के पास, देश के पहले 4- स्तरीय इंटरचेंज शामिल हैं. इस एक्सप्रेसवे पर दिल्ली- गुरुग्राम बार्डर पर 34 लेन के टोल प्लाजा का प्रावधान है. अब देखना बाकी है कि पूरे एक्सप्रेसवे के चालू होने पर वाहन चालकों को टोल टैक्स का भुगतान करना होगा या नहीं.
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