नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार गरीब वर्ग के कल्याण हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है और इन्हीं में से एक PM विश्वकर्मा योजना है जिसका फायदा उठाकर गरीब वर्ग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है. सितंबर 2023 में शुरू की गई केंद्रीय पीएम विश्वकर्मा योजना का मकसद अपने हाथों और औजारों की मदद से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
किस तरह के कारोबार को फायदा
इस योजना में 18 व्यवसाय बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, मोची/ जूता कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/ चटाई/ झाडू निर्माता/ कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माण में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है.
कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेंगे ये फायदे
- पहचानः पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान.
- स्किल अपग्रेडेशनः 500 रुपये प्रतिदिन के वजीफे के साथ 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण.
- टूलकिट प्रोत्साहनः बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ई-वाउचर के रूप में 15 हजार रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन.
- कर्ज सहायता: बिना कुछ गिरवी रखे ‘उद्यम विकास ऋण’ के रूप में 3 लाख रूपए तक का लोन एक लाख और दो लाख रुपए के दो किश्तों में क्रमशः 18 महीने और 30 महीने की अवधि के लिए 5% निर्धारित रियायती ब्याज दर पर भारत सरकार द्वारा 8% की सीमा तक छूट के साथ प्रदान किया जाएगा.
ऐसे मिलेगा लाभ
जिन लाभार्थियों ने बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, वे 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किश्त का लाभ उठाने के पात्र होंगे. दूसरी ऋण किश्त उन लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी, जिन्होंने पहली किश्त का लाभ उठाया है और एक मानक ऋण खाता बनाए रखा है. अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या अपग्रेडेड ट्रेनिंग प्राप्त किया है.
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