हिसार | चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में 2 दिवसीय कृषि मेले का आयोजन हो रहा है. इस मेले में गेहूं की नई किस्म 1270 की सबसे अधिक मांग बनी हुई है क्योंकि किसानों की सबसे ज्यादा भीड़ इसी स्टॉल पर उमड़ रही है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि WH- 1270, 303 तथा 187 नंबर गेहूं की किस्में 90 मण/ प्रति एकड़ तक की पैदावार वाली वैरायटी है.
किसानों को रहना चाहिए अपडेट
एचएयू कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने कहा कि किसानों को नई- नई तकनीकों व प्रौद्योगिकियों को अपनाते हुए समयानुसार खुद को अपडेट करते रहना होगा और आधुनिकता के इस युग में ये चीजें जरूरी भी हो गई है. आज खेती में ड्रोन की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. बदलते मौसम के अनुसार, अधिक सतर्क होते हुए की गई खेती ही लाभ पहुंचा सकती है.
उन्नत किस्मों की दी जानकारी
प्रो. बीआर कंबोज ने सरसों की रोग प्रतिरोधी व पाले के प्रति सहनशील किस्म RH- 725, गेहूं की अधिक उत्पादन वाली WH- 1270 का जिक्र किया. इसके अलावा खरीफ फसलों में चारे वाली ज्वार की बंपर पैदावार के लिए CSV- 53F व HJ- 1514, बाजरे की जिंक व लौह तत्वों से भरपूर बायोफोर्टीफाइड किस्म HHB- 299 व HHB- 311 एवं मूंग की MH- 421 के बारे में भी जानकारी दी. अधिक जानकारी के लिए आप गेहूं की खेती के बारे में पढ़ सकते है.
ड्रोन का बताया महत्व
उन्होंने बताया कि खेती में ड्रोन तकनीक का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. ड्रोन के द्वारा कम समय में जल विलय उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक का छिडकाव समान तरीके से सिफारिश के अनुसार आसानी से किया जा सकता है. इससे कम लागत होने के साथ- साथ संसाधनों की भी बचत हो सकती है.
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