फतेहाबाद । प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के अनुसार ग्रामीणों की सहमति के बाद ही गांवों में शराब के ठेके खुल सकेंगे. यदि ग्रामीण गांव में शराब का ठेका नहीं खुलवाना चाहते तो इसके लिए उन्हें पंचायत की तरफ से प्रस्ताव भेजना होगा. इसके बाद आबकारी विभाग के अधिकारी विभागीय जांच करते हुए उस गांव में शराब के ठेके की नीलामी नहीं करेंगे. इस बार जिले की एक ही पंचायत ने शराब का ठेका न खुलवाने को लेकर प्रस्ताव भेजा है. जबकि पिछले वर्ष चार पंचायतों ने ये प्रस्ताव भेजें थे. इस बार आगामी वित वर्ष में शराब का ठेका बंद करवाने के लिए अभी तक जाखल खंड के गांव तलवाड़ा की पंचायत ने प्रस्ताव भेजा है. जिन्होंने मांग की है कि आगामी वित वर्ष में उनके गांव में ठेका न खोला जाएं. हालांकि अभी 2 दिन और बचें हुए हैं ,हो सकता है कुछ पंचायतें के प्रस्ताव ओर आ जाएं.
गत वर्ष चालू वित्त वर्ष के लिए 16 पंचायतों ने अपने गांव में शराब बंदी के लिए प्रस्ताव भेजें थे. इनमें से 4 प्रस्ताव ही मंजूर हुए थे. बाकी बचे 12 पंचायतों में अवैध शराब बिक्री के अनेकों मामले दर्ज होने के कारण पंचायत के प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अधिकारियों का कहना है कि कई गांव में लोग अवैध शराब बेचने के लिए भी प्रस्ताव भेज देते हैं. ऐसे में गांव की स्थिति जानी जाती है.
जिले में 49 जोन बनाए गए हैं. प्रत्येक जोन में 2 शराब के ठेके खोलने की अनुमति आबकारी विभाग द्वारा दी जाती है. इससे अधिक शराब ठेके खोलने के लिए अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कई जोन में 3 से 5 गांव शामिल हैं. ऐसे में शराब ठेकेदार इनमें नियमानुसार उप ठेके यानी खुद के रुपए भरते हुए शराब के ठेके खोलता है.
अभी तक आबकारी विभाग के पास तलवाड़ा पंचायत का प्रस्ताव आया है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि आगामी वित वर्ष में उनके गांव में शराब का ठेका न खोला जाएं. इसके अलावा अभी अन्य किसी पंचायत का प्रस्ताव नहीं आया है. जो पंचायतें प्रस्ताव भेजना चाहतीं हैं वे विभागीय तरीके से 15 मार्च तक प्रस्ताव भेजे- वीके शास्त्री, उपायुक्त , आबकारी विभाग
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