चंडीगढ़ | हरियाणा में बीजेपी कभी भी नए अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है. बीजेपी इस पद पर ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती है जो पार्टी के जातीय समीकरण में फिट बैठे और सभी को साथ लेकर चल सके. पार्टी फोरम में कई नामों पर चर्चा हो रही है, लेकिन पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और राज्यसभा सांसद एवं पूर्व स्पीकर सुभाष बराला का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है. दोनों के पक्ष में काफी मजबूत समीकरण बन रहे हैं.
पंजाबियों को लुभाने की है पूरी कोशिश
बता दें कि पूर्व सीएम मनोहर लाल के मुख्यमंत्री पद से हटने और विज को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से पार्टी पंजाबियों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है. ऐसे में पार्टी मनीष ग्रोवर को प्रधान बनाकर पंजाबियों की सेवा कर सकती है. ग्रोवर हुड्डा के गढ़ रोहतक के रहने वाले हैं. आरएसएस से जुड़ने के बाद उन्होंने संगठन में काम किया. वह प्रदेश महासचिव के साथ उपाध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं.
2014 में वह विधायक बने और मनोहर सरकार में मंत्री बनाये गये. वह मनोहर लाल के भी करीबी हैं. अभी तक रोहतक को सरकार और कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. ऐसे में उनके पार्टी अध्यक्ष बनने की संभावना ज्यादा है. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पूर्व सांसद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य सुधा यादव का नाम भी चर्चा में है.
जाट कोटे से सुभाष बराला का है नाम
जाट कोटे से सुभाष बराला का नाम चल रहा है. सैनी की कैबिनेट में जाट कोटे से मंत्रियों की संख्या सिर्फ 3 है, जबकि मनोहर सरकार में जाट कोटे से 5 मंत्री थे. धनखड़ के जाने के बाद जाटों में नाराजगी है. बराला भी मनोहर के विश्वासपात्रों में से एक हैं. इन समीकरणों के हिसाब से बराला पार्टी की नजर में फिट बैठते हैं. बराला 6 साल तक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं. पंजाबी होने के कारण संजय भाटिया का नाम भी तेजी से फैला था, लेकिन अब वह इस रेस में पिछड़ गये हैं.
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