क्रेडिट कार्ड धारकों को RBI की बड़ी सौगात, इस नियम में बदलाव से पहुंचेगा फायदा

नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड धारकों को बड़ी राहत प्रदान की है. आरबीआई ने कुछ नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत, अब क्रेडिट कार्ड धारक अपनी सुविधानुसार कार्ड के बिलिंग चक्र में एक से अधिक बार बदलाव कर पाएंगे. पहले बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं केवल एक बार ही ऐसा करने का मौका देती थी लेकिन अब आरबीआई ने इस सीमा को हटा दिया है और केन्द्रीय बैंक ने इस नियम को लागू भी कर दिया है.

ऐसे करें बदलाव

  • इसके लिए सबसे पहले जितना पिछला बकाया है, उसका भुगतान करना होगा.
  • इसके बाद, क्रेडिट कार्ड कंपनी को फोन या Email के जरिए बिलिंग साइकिल में बदलाव करने के लिए कहना होगा.
  • कुछ बैंकों में मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए भी इस बदलाव की सुविधा उपलब्ध है.

ऐसे होगा फायदा

  • क्रेडिट कार्ड धारक अपनी सुविधा और पर्याप्त नकदी के अनुसार बिल भुगतान की तारीख तय कर सकते हैं.
  • क्रेडिट कार्ड में ब्याज मुक्त अवधि को अधिकतम कर सकते हैं.
  • अलग- अलग क्रेडिट कार्ड का एक ही तारीख पर भुगतान कर सकते हैं.
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क्या होता है बिलिंग चक्र?

किसी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड का कुल बिल (स्टेटमेंट) हर महीने की 6 तारीख को आता है. ऐसे में उसका बिलिंग चक्र उस महीने की सात तारीख से शुरू होगा और अगले महीने की छह तारीख को समाप्त होगा. इस 30 दिन की अवधि के दौरान क्रेडिट कार्ड से किए गए सभी लेन- देन क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देंगे. इसमें कार्ड से किए गए सभी भुगतान, नकद निकासी, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की जानकारी होती है. बिल की यह अवधि कार्ड के प्रकार और क्रेडिट कार्ड प्रदाता के मुताबिक 27 दिन से लेकर 31 दिन तक हो सकती है.

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ग्राहकों पर ऐसे पड़ेगा असर

अब तक केवल क्रेडिट कार्ड कंपनियां ही तय करती थीं कि ग्राहक को जारी किए गए क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकिल क्या होगा. इससे कभी- कभी ग्राहकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती थी, लेकिन RBI द्वारा नियम जारी होने के बाद ग्राहक अपनी मर्जी के मुताबिक एक बार से अधिक क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र/ अवधि को अपने हिसाब से बदल सकेंगे.

Minimum Due चुकाने से भी बचें

बैंक बिल का पूरा बकाया चुकाने के बजाए न्यूनतम भुगतान का विकल्प भी देते हैं, लेकिन वे ग्राहकों को यह नहीं बताते हैं कि ऐसा करने से न केवल वर्तमान बिलिंग चक्र में बकाया राशि पर ब्याज लगता है, बल्कि बाद के बिलिंग चक्र में किए गए अन्य सभी लेनदेन पर ब्याज मुक्त अवधि खत्म हो जाएगी.

इसका मतलब यह है कि नियत तारीख के बाद किए गए सभी लेनदेन पर तब तक ब्याज लगता है जब तक कि कुल बकाया राशि का पूरी तरह से भुगतान नहीं हो जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इससे बचने के लिए देय तिथि तक पूरा बिल चुकाना ही सबसे बेस्ट ऑप्शन रहता है.

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बिल भुगतान की तारीख में होगा बदलाव

यदि कोई ग्राहक अपने बिलिंग चक्र में बदलाव करता है तो उसकी क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान की देय तिथि में भी बदलाव हो जाता है. यह देय तिथि स्टेटमेंट की तारीख से 15 से 20 दिनों के बाद की हो सकती है. इसका मतलब यह है कि ग्राहक को 45 से 50 दिनों की ब्याज मुक्त अवधि मिलती है, जिसमें बिलिंग चक्र के 30 दिन और देय तिथि तक 15 से 20 दिन शामिल होती है. इस समयावधि में भुगतान करने पर किसी तरह का अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा.

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