हरियाणा में अब कक्षा 1 से 3 के बच्चों को होना पड़ेगा मजबूत, अन्यथा देनी होगी यह विशेष परीक्षा

चंडीगढ़ | हरियाणा में अब कक्षा 1 से कक्षा 3 तक के बच्चों को अगली कक्षा में जाने से पहले महारत हासिल होगी. अगर बच्चा उत्तीर्ण नहीं हुआ तो उसे कुशल विद्यार्थी का दर्जा नहीं मिल सकेगा और नये शैक्षणिक सत्र के प्रथम 3 माह में उसे पिछली कक्षा का पाठ्यक्रम दोहराना पड़ेगा. स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए पत्र भी जारी कर दिया है.

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रेमेडियल कक्षाएं देकर बनाया जाएगा दक्ष

दरअसल, सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए छात्रों को एफएलएन (बेसिक लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी) के तहत पढ़ाया जा रहा है. अब स्कूल प्रमुख अपने- अपने स्कूलों में एफएलएन छात्रों की संख्या बताएंगे ताकि नए सत्र में अगली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों की कमियों को दूर किया जा सके. कक्षा 1 से 3 तक पढ़ने वाले बच्चों को एफएलएन के तहत रेमेडियल कक्षाएं देकर दक्ष बनाया जाएगा.

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75 फीसदी प्रश्नों को सही ढंग से करना होगा हल

किंडरगार्टन से कक्षा 3 तक के विद्यार्थियों को हिंदी और गणित में निर्धारित सूची में से 2 अक्षर के 5 शब्द सही ढंग से पढ़ने होंगे. पहली कक्षा के बच्चों को पांच सरल शब्दों के 2 अक्षरों से बने वाक्य पढ़ने होंगे, जबकि दूसरी कक्षा के बच्चों को 45 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पैराग्राफ पढ़ना होगा और पैराग्राफ पढ़ने के बाद 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही ढंग से हल करना होगा.

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10 तक संख्याएं पढ़ने में होना चाहिए सक्षम

गणित में किंडरगार्टन के बच्चों को 10 तक की संख्याएं पढ़ने में सक्षम होना चाहिए. 1 अंक के जोड़ और घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही ढंग से हल करना चाहिए. कक्षा 2 के बच्चों को 999 तक जोड़, 2 अंक घटाव की 75 प्रतिशत समस्याएं सही ढंग से हल करनी हैं, तीसरी कक्षा के बच्चों को 999 तक जोड़, 3 अंक घटाना तक की 75 प्रतिशत समस्याएं सही ढंग से हल करनी हैं.

निपुण छात्र का नहीं मिलेगा दर्जा

बच्चों को हिंदी में पारंगत बनाने के लिए उन्हें लिखने, पढ़ने, बोलने, समझने में बेहतर बनाया जाएगा यदि कोई बच्चा पढ़ और समझ नहीं पाता है तो उस छात्र को निपुण छात्र का दर्जा नहीं दिया जाएगा. ऐसे में नए सत्र में पहले तीन महीने तक उसे पिछली कक्षा का सिलेबस दोहराया जाएगा, ताकि बच्चा दक्ष हो सके.

सभी सरकारी स्कूलों में केजी से लेकर तीसरी कक्षा तक एफएलएन के तहत पढ़ाई करवाई जा रही है. हर छात्र को उसकी दक्षता के आधार पर कुशल छात्र का दर्जा दिया जाता है ताकि बच्चा अगली क्लास में जाने से पहले काबिल हो जाए- राकेश बूरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत

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