सोनीपत | यमुना खादर से सटे हरियाणा और यूपी के गांवों में करीब पांच दशक से जमीन के लिए विवाद चला आ रहा है. सोनीपत के जाजल व खुरमपुर ओर बागपत के निवाड़ा व नंगला बहलोलपुर के किसान कई बार आमने-सामने आ चुके हैं. चारों गांव में करीब 450 एकड़ जमीन के लिए हर साल खुनी संघर्ष होता है. सीमा विवाद में उलझे खुरमपुर गांव के किसानों ने खेती करते समय अपनी सुरक्षा का नया तरीका अपनाया है. यहां के किसानों ने गोलियों तथा हथियारों से बचने के लिए अपने ट्रैक्टरो को बुलेट प्रूफ बनवाया हैं और सबूत जुटाने के लिए उन पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए है. हरियाणा- यूपी की सीमा के गांवों के किसानों में लंबे समय से जमीन पर मालिकाना हक के लिए विवाद चला आ रहा है. फसल की बिजाई व कटाई के समय दोनों ही तरफ के किसान जमीन पर अपना हक जमाते हैं और उनके बीच हर साल खुनी संघर्ष होता है.
1974 में केन्द्र सरकार ने विवाद खत्म करने को लेकर तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री उमाशंकर दीक्षित की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था. उस समय तय हुआ था कि यूपी के किसानों की जमीन हरियाणा की ओर है तो उस पर हरियाणा के किसान काबिज होंगे ओर हरियाणा के किसानों की जमीन यूपी की ओर है तो उस पर यूपी के किसान काबिज होंगे. इसके लिए लोहे के पिलर लगवा दिए गए थे ओर उसे दीक्षित अवार्ड का नाम दिया गया. लेकिन हर बार यमुना की धार बदलती रही ओर जमीनों पर कब्जा नहीं दिलवाएं जाने के कारण यह विवाद बढ़ता चला गया.
इस जमीन के विवाद में हरियाणा के खुरमपुर गांव के करीब 80 किसान फंसे हुए हैं. गांव की यमुना खादर में सैकड़ों एकड़ जमीन है और जब किसान वहां खेती करने जाते हैं तो संघर्ष शुरू हो जाता है. यमुना खादर में हर साल बवाल होता है और फायरिंग करने से लेकर अन्य हथियारों से हमले किए जाते हैं. अभी तक 100 से ज्यादा किसान घायल हो चुके हैं. इसलिए अब खेती करते समय अपनी सुरक्षा के लिए किसानों ने बुलेट प्रूफ टैक्टर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. और वह अपनी जान बचाने के लिए करीब पांच लाख रुपए खर्च करके टैक्टर को बुलेट प्रूफ बनवा रहे हैं.
सीमा विवाद का जल्द निपटारा चाहते हैं किसान
गांव खुरमपुर के किसान राजकुमार,मनोज कुमार, धर्मेंद्र, सचिन आदि का आरोप है कि यूपी के किसान खुनी संघर्ष करते आ रहे हैं और तीन दिन पहले भी फसल कटाई करने गए तो उन पर हमला किया. कई बार अधिकारी जमीन की पैमाईश कर चुके हैं. किसानों का कहना है कि वे किसी भी तरीके से विवाद का निपटारा चाहते हैं ताकि आराम से खेती कर सकें.
हरियाणा -यूपी के किसानों में जमीन के लिए लंबे समय से विवाद चल रहा है. उस विवादित जमीन की पैमाईश करवाईं गई है और उसको रिकॉर्ड में चेक किया जा रहा है कि उस पर किसका हक है. जमीन पर मालिकाना हक के लिए सिथति जल्द ही साफ कर दी जाएगी. वहीं यह विवाद आगे ना हो सके ओर सीमांकन किया जा सके, उसके लिए यूपी के अधिकारियों के साथ जल्द बैठक होनी है. विवाद को जल्द खत्म कराने का प्रयास किया जाएगा.
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