चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने रबी सीजन 2024 के तहत सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर पुख्ता व्यवस्था इंतजाम करने की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 26 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है, जबकि 1 अप्रैल से गेहूं की फसल को खरीदा जाएगा. इस बार गेहूं खरीद के लिए 417 मंडी/ खरीद केंद्र बनाए गए हैं.
48 से 72 घंटे में भुगतान
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेहूं की आवक ज्यादा आने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बार भी फसल खरीद का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 से 72 घंटे के अंदर- अंदर सीधे किसानों के खातों में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पंजीकृत किसानों को ई- खरीद पोर्टल के माध्यम से MSP के लिए उनके बैंक खातों में ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) के साथ खरीद की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में डा सुमिता मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 4 खरीद एजेंसियां खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, एचएसडब्ल्यूसी और एफसीआई (केंद्रीय एजेंसी) फसलों की खरीद करेगी. जिला उपायुक्त अपने जिलों में इन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करें और खरीद कार्यों की निगरानी करेंगे.
मंडियों में व्यवस्था करवाएं
उन्होंने कहा कि फसलों की सरकारी खरीद के लिए मंडियों और खरीद केंद्रों में उचित सफाई व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. इस बार गेहूं की ज्यादा आवक आने का अनुमान है, उसके अनुसार, संबंधित जिला उपायुक्त फसल को स्टोर करने के लिए पर्याप्त स्थान की उपलब्धता चिह्नित कर लें.
हैफेड और हरियाणा राज्य भण्डारण निगम के साथ समन्वय स्थापित करके अपने या साथ लगते जिलों में यदि कोई अतिरिक्त स्टोरेज स्थान, साइलोज इत्यादि उपलब्ध है, तो उसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करें. डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि खरीद के सुचारू संचालन और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस महानिदेशक को भी मंडियों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि मंडियों/खरीद केंद्रों में खरीद प्रक्रिया के कार्यों की निगरानी हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मौसम को देखते हुए फसल की सुरक्षा के लिए मंडियों में तिरपाल की भी व्यवस्था की जाए. बैठक में बताया गया कि किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में हेल्प डेस्क बनाए गए हैं और पेयजल व शौचालय की भी व्यवस्था की गई है. मंडियों में सीसीटीवी कैमरे, इलेक्ट्रॉनिक वेटब्रिज की भी व्यवस्था की गई है.
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