चंडीगढ़ | हरियाणा में गब्बर के नाम से अपनी अलग पहचान रखने वाले पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की बीजेपी से नाराजगी को भुनाने के लिए कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू कर दी है. हरियाणा कांग्रेस के आधिकारिक X हैंडल पर विज की नाराज़गी को लेकर लिखा गया है, वो इतना रूठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया… अनिल विज के साथ उनकी पार्टी का ये रवैया आखिर क्यों है.
कांग्रेस पार्टी की ओर से इसे बीजेपी की गुटबाजी बताया गया है. लिखा गया है, हरियाणा बीजेपी की गुटबाजी की वजह से ही आज सूबे की कानून व्यवस्था चरमरा गई है और आजकल विज साहब का मूड खराब रहता है.
विज की नाराज़गी को मुद्दा बनाना चाहती है कांग्रेस
हरियाणा में इस समय लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी इस समय कांग्रेस से हर मामले में चाहे उम्मीदवारों की घोषणा हो या चुनाव प्रचार की बात करें तो आगे नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस अब बीजेपी के भीतर चल रही चीजों पर सीधे निशाना साध रही है और अनिल विज भी इसी रणनीति का हिस्सा है. कांग्रेस चाहती है कि विज पार्टी में हो रही अपनी अनदेखी को लेकर मुखर हो. चूंकि, विज पहले भी अपनी मुखरता को लेकर जाने जाते रहे हैं तो ऐसे में कांग्रेस इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
वो इतना रूठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया…
पूर्व गृहमंत्री श्री @anilvijminister जी के साथ उनकी पार्टी का ये रवैया आखिर क्यों है ?
हरियाणा भाजपा की गुटबाजी की वजह से पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब रही और आजकल विज साहब का मूड खराब रहता है। pic.twitter.com/msy1RDHFlK
— Haryana Congress (@INCHaryana) April 1, 2024
कांग्रेस पार्टी जानती है कि यदि अनिल विज बीजेपी के बड़े नेताओं को टारगेट करते हैं तो उन्हें चुनाव में इसे भुनाने का अवसर मिलेगा. साथ ही, यह मैसेज जाएगा कि गुटबाजी कांग्रेस में नहीं. भाजपा में हैं और यही वजह है कि अनिल विज को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.
कांग्रेस पार्टी समझती है कि अनिल विज की नाराज़गी का लोकसभा चुनावों में फायदा उठाया जा सकता है. प्रदेश में 2014 से वो सरकार में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं. उनकी ईमानदारी छवि की हरियाणा ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों में भी चर्चे हैं. जनता से जुड़ाव इस कदर है कि प्रत्येक सप्ताह लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए जनता दरबार लगाते हैं.
नाराजगी लगी है दिखने
पूर्व गृहमंत्री अनिल विज भी अपनी नाराज़गी को लेकर धीरे- धीरे मुखर होने लगे हैं. लोकसभा चुनावों को लेकर हरियाणा में हुई बैठकों से भी उन्होंने दूरी बनाए रखी. गुरुग्राम में चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया की अध्यक्षता में भी हरियाणा के नेताओं की बैठक बुलाई गई थी लेकिन उसमें भी वो नहीं पहुंचे.
नाराजगी की वजह
हरियाणा में BJP- JJP गठबंधन टूटने के साथ ही मुख्यमंत्री बदले जाने पर अनिल विज की नाराज़गी सामने आई है. पिछले दिनों उन्होंने बयान दिया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलाव के बारे में जानकारी थी, लेकिन मैं उनके साथ था और फिर भी उन्होंने मुझे इस बारे में नहीं बताया. मैं पार्टी का वरिष्ठ नेता हूं और मुझसे ऐसी बात छिपाई गई. मुझे इस बात का बहुत दुःख हुआ है.
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