गुरुग्राम | हरियाणा के जिला गुरुग्राम में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है. ऐसा इसलिए क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गुरुग्राम शहर की पॉश कॉलोनी मेफील्ड गार्डन में नए निर्माण पर रोक लगा दी है. एनजीटी ने यह आदेश हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया है. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने HSPCB को दिए आदेश में कहा कि मेफील्ड गार्डन में पर्यावरण मंजूरी का कोई उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
एनजीटी ने कही ये बात
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने पाया कि मामला गंभीर है. मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को है. आरडब्ल्यूए का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है. कॉमन एरिया को सैकड़ों करोड़ रुपये में बेच दिया गया. बिल्डर को इस क्षेत्र को बेचने का अधिकार नहीं है. यह डीटीसीपी और संबंधित विभागों की मिलीभगत से किया जा रहा है.
बिल्डर के खिलाफ दी गई शिकायत
आगे कहना है कि बिल्डर के खिलाफ बार- बार शिकायत की गई, लेकिन संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से उन्हें बार- बार हटाया गया और अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है. न तो बिल्डर ने पर्यावरण मंजूरी (ईसी) ली है, न ही उसके पास ईस्टएबिलाइज करने की सहमति है और न ही संचालित करने की सहमति है. इसके अलावा, बड़े पैमाने पर अवैध रूप से भूजल का उपयोग किया जा रहा है.
मेफील्ड गार्डन कॉलोनी 327 एकड़ में हुई है फैली
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि मेफील्ड गार्डन कॉलोनी 327 एकड़ में फैली हुई है और इसकी सीमाएं सेक्टर- 47, 50, 51, 52 और 57 हैं. इतनी बड़ी कॉलोनी बिना पर्यावरण मंजूरी के विकसित की गई. इसके लिए मेफील्ड गार्डन की आरडब्ल्यूए ऑर्किड आइलैंड रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. कुल मिलाकर इस कॉलोनी में बिल्डर ने पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन किया और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया.
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