नई दिल्ली | देशभर में मूंग की फसल की बिजाई की शुरुआत हो चुकी है. मूंग की अच्छी पैदावार लेने के लिए किसानों के मन में बीज, खाद, पानी, स्प्रे आदि को लेकर तमाम तरह के सवाल रहते हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि मूंग की बढ़िया पैदावार लेने के लिए कौन- कौन से पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
मूंग के लिए सर्वोत्तम खाद
अगर किसान साथियों ने एक हेक्टर जमीन में मूंग की खेती करनी है तो बीज बुवाई से पहले नाइट्रोजन 20 किलोग्राम, सल्फर 50 किलोग्राम और डायअमोनियम फास्फेट डी.ए.पी. खाद भी देना चाहिए. साथ ही 20 किलो के हिसाब से पोटाश भी डालना चाहिए.
इसका भी करें उपयोग
टेक्नोजेड खाद आधुनिक ओआरटी तकनीक आधारित सूक्ष्म कणों द्वारा तैयार किया जिंक उर्वरक है. इसमें जिंक ऑक्साइड 14% और सल्फर 67% डब्ल्यूडीजी (WDG) पाया जाता है. मूंग के पौधे की जड़ें अधिक जिंक अवशोषित करती है. इसलिए इस खाद की कम मात्रा में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता है.
वहीं, सल्फर पौधे में मूंग की फसल में उत्पादन बढ़ाने का कार्य करता है. सल्फर में एमिनो एसिड और विटामिन का घटक पाया जाता है. मूंग के पौधे में यदि सल्फर की कमी होती है, तो पौधे का विकास प्रभावित होता है और उत्पादन भी कम प्राप्त होता है. सल्फर से मूंग फसल की क्वालिटी भी अच्छी होती है.
ऐसे करें उत्पादन
मूंग की खेती में यह खाद डालकर अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है. इन्हें एक एकड़ के हिसाब से टेक्नोज़ेड 4 किलोग्राम और फर्टिस 6 किलोग्राम के दर से देना चाहिए. मूंग की उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद जब फसल 20 से 25 दिन की हो जाए तब 3 किलोग्राम फर्टिस और बाकी 3 किलोग्राम जब फसल 45 से 50 दिन की हो जाए, तब डाले और टेक्नोज़ेड को आप 4 किलोग्राम की मात्रा जब फसल 25 से 30 दिन की हो जाए तब देना चाहिए.
सिंचाई कब करें?
मूंग की फसल में सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की अच्छी वृद्धि व विकास के लिए 3 से 4 बार सिंचाई काफी होती है. ज्यादा सिंचाई करने पर उत्पादन प्रभावित हो सकता है. अतः सिंचाई आवश्यकतानुसार व हल्की ही करें. ऐसे किसान जिन्होंने पिछले महीने मूंग की बुआई कर दी है, वे किसान 25 से 30 दिन की फसल हो जाने पर पहली सिंचाई करें.
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