चंडीगढ़ । रणजीत सागर बांध, पोंग बांध, भाखड़ा बांध के पानी पर आश्रित राज्यों को आगामी दिनों में भारी परेशानी से जूझना पड़ सकता है. इन जलाशयों में पानी की मात्रा तेजी से कम होने लगी है, क्योंकि इस बार बारिश बहुत कम हुई है. जिसकी वजह से राजस्थान व हरियाणा-पंजाब के लोगों को अनेक कठिनाइयों से जूझना पड़ सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान हालातों व पानी की आपूर्ति को देखते हुए यह अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है.
रणजीत सागर बांध में पानी का लेवल बहुत कम
रणजीत सागर बांध में पानी का लेवल पिछले 8875 क्यूसेक की अपेक्षा में 1236 क्यूसेक तक रह गया है. इसका निष्कर्ष यही निकलता है कि बांध में आ रही पानी की कमी को देखते हुए इन बांधों जलाशयों पर निर्भर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों को अब पानी की मांग करनी आरंभ कर देनी चाहिए और इस पर विशेष अध्ययन की आवश्यकता है. नहीं तो लोगों को पानी की भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता
है. इन बांध जलाशयों से ही राजस्थान, हरियाणा, पंजाब को हर रोज पीने के लिए 490 क्यूसेक के लगभग पानी की सप्लाई की जाती है.
लगातार कम हो रहा पानी का ग्राफ
पिछले वर्ष इसी दिन भाखड़ा बांध का पानी का लेवल 1604.36 फीट था, लेकिन इस वर्ष यह 51.92 फीट कम हो गया है. अर्थात 1552.44 फीट तक रह गया है. पिछले वर्ष में पानी की आवक का ग्राफ 10990 क्यूसेक था लेकिन यह इस साल 6751 क्यूसेक तक रह गया है.
भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के डायरेक्टर वॉटर रेगुलेशन इंजीनियर सीपी सिंह के मुताबिक रणजीत सागर बांध, पोंग बांध और भांगड़ा बांध में पानी का आवागमन बहुत कम हो चुका है. इसलिए ऐसे हालातों को देखते हुए पानी की समस्या की चिंता बनी हुई है और यह हालात सुखद संकेत नहीं है. जलाशयों पर 3 राज्यों के लोग पूर्ण रूप से निर्भर है. इसलिए प्रांतों की मांगों पर गंभीरता बढ़ा देनी चाहिए.
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