गुरुग्राम | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध स्कूलों में अब नए सेशन 2024- 25 में छठी, नौवीं व 11वीं में नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) के तहत क्रेडिट सिस्टम से पढ़ाई करवाई जाएगी. इसके तहत, विद्यार्थी उच्च शिक्षा की तर्ज पर क्रेडिट अर्जित कर पाएंगे. यह व्यवस्था छठी से 12वीं कक्षा तक लागू हुई है. नए सत्र से छठी, नौवीं व 11वीं कक्षा में स्कूली स्तर पर इसका असेस्मेंट होगा. इसमें विद्यार्थी हर वर्ष 40- 40 क्रेडिट अर्जित करेंगे.
75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य
गुरुग्राम में 4 राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम लागू रहेगा. यह चारों राजकीय स्कूल पिछले 2 सत्रों से सीबीएसई से संबद्ध हैं. इस योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को क्रेडिट सिस्टम से जोड़ने के साथ ही यूटिलिटी की जानकारी प्रदान करना है क्रेडिट सिस्टम के लिए विद्यार्थी की कम- से- कम 75 फीसदी उपस्थिति होनी चाहिए. इसके साथ ही, छठी में पहली, दूसरी व तीसरी भाषा के 3- 3 क्रेडिट होंगे. गणित के 5, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान के 7- 7 क्रेडिट होंगे. कला और शारीरिक शिक्षा के 3.5- 3.5 क्रेडिट होंगे. वोकेशनल शिक्षा के 5 क्रेडिट रहेंगे. इस प्रकार सभी विषयों में विषय के अनुसार, 40 क्रेडिट होंगे.
5 विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य
क्रेडिट सिस्टम योजना में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पांच विषयों (2 भाषा व 3 मुख्य विषय) में पास होना जरूरी होगा. इसमें 210 घंटे हर विषय के लिए और 150 घंटे आंतरिक आकलन के लिए तय किए गए हैं. इसमें हर विषय के लिए सात-सात क्रेडिट होंगे. इस प्रकार से अन्य विषय को शामिल करने के बाद यह 40- 54 क्रेडिट का होगा. 11वीं कक्षा के विद्यार्थी 40- 47 क्रेडिट अर्जित कर पाएंगे. 11वीं कक्षा में 1 भाषा व 4 मुख्य विषय में पास होने पर 40 क्रेडिट मिलेंगे.
11वीं कक्षा में 210 घंटे प्रति विषय के लिए तय होंगे. वहीं, 150 घंटे आंतरिक आकलन, शारीरिक शिक्षा, कार्य अनुभव व सामान्य ज्ञान के लिए होंगे. अगर कोई विद्यार्थी 5 विषयों के अलावा छठा विषय लेता है, तो वह 47 क्रेडिट पा सकता है.
क्या है क्रेडिट सिस्टम?
CBSE ने शैक्षणिक सत्र 2024- 25 से स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम लागू करने की योजना तैयार की है. इसके तहत, कक्षा छठी से 12वीं तक हर कक्षा में पढ़ाई पूरी करने व सीखने में कम से कम 1,200 घंटे पूरे करने पर विद्याभी को 40 क्रेडिट अंक मिलेंगे. यह क्रेडिट सभी विषयों में परीक्षा पास करने पर मिलेंगे और यह अंकतालिका में अंक या ग्रेड के सामने रिकॉर्ड किए जायेंगे.
इसके साथ ही, विद्यार्थी के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (डिजी लॉकर) में भी जमा होते रहेंगे. अभी तक ऐसा क्रेडिट सिस्टम उच्च शिक्षा में लागू है जिसके माध्यम से छात्रों को संस्थान या कोर्स बदलने की सुविधा होती है. अब यह प्रणाली सीबीएसई में भी लागू हो गई है.
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