हरियाणा: दर्जी की बेटी ने 12वीं की परीक्षा में गाड़े झंडे, बनना चाहती है डॉक्टर; पढ़े सक्सेस स्टोरी

झज्जर | आपने सुना होगा- “मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता जनाब हौसलों से उड़ान होती है…” इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है डावला गांव की बेटी हिमांशी ने. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में हिमांशी ने 93 प्रतिशत अंक लाकर अपने माता- पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है.

Himanshi Rohtak

डॉक्टर बनने का सपना

हिमांशी ने बायोलॉजी में 98 और फिजिक्स में 95 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए हैं. बता दें, हिमांशी काफी लंबे समय से नीट परीक्षा की तैयारी भी कर रही है. उसका सपना है कि अगले महीने होने वाले नीट पेपर को क्वालीफाई करके वह डॉक्टर बने और अपने माता- पिता का सपना पूरा करे. इसके लिए वह प्रतिदिन 7 से 8 घंटे तैयारी कर रही है. बता दें कि हिमांशी की माता का नाम पूनम है और वह एक ग्रहणी हैं.

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हिमांशी के पिता कृष्ण दर्जी का काम करते हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को हमेशा पढ़ते हुए ही देखा है. जब भी सुबह नींद खुलती थी तो वह पढ़ते हुए ही मिलती थी. अब वह डॉक्टरी की परीक्षा (NEET) के लिए तैयारी कर रही है.

बढ़ाया माता- पिता का मान

झज्जर की बेटी आरती ने भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में झंडे गाड़ दिए हैं. आरती ने 12वीं की परीक्षा में 92% अंक प्राप्त करके माता- पिता का मान बढ़ाने का काम किया है. आरती बताती है कि वह बिना किसी कोचिंग के स्कूल के बाद प्रतिदिन 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करती थी. स्कूल में शिक्षकों द्वारा जो पढ़ाई करवाई जाती थी, वह घर जाकर उसे ही रीवाइज़ करती थी.

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सोशल मीडिया का होना चाहिए लिमिट में इस्तेमाल

सोशल मीडिया का भी उसने जरूरत के हिसाब से ही प्रयोग किया है. हालांकि, परीक्षा के दिनों में जरूर सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी क्योंकि उस समय केवल पढ़ाई ही जरूरी थी. आरती कहती है कि सोशल मीडिया का प्रयोग आजकल जरूरी है, लेकिन उसका लिमिट में ही इस्तेमाल करना चाहिए. आरती चाहती है कि वह आईएएस बनकर अपने माता- पिता का सपना पूरा करें. बता दें कि आरती के पिता कप्तान सिंह निजी स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं और माता प्रतिमला देवी आंगनवाड़ी वर्कर है.

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