चंडीगढ़ | लोकसभा चुनावों की गहमा- गहमी के बीच हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़े झटके वाली खबर सामने आई है. पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से जुड़े एक मामले में करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किए गए दिव्यांशु बुद्धिराजा की याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआईआर व भगोड़ा घोषित करने के आदेश को रद्द करने की गुहार लगाई थी. भगोड़ा घोषित करने के मामले में अब 7 मई को सुनवाई होगी.
इस मामले में हाईकोर्ट उन्हें पेश होने के लिए कई बार समन जारी कर चुका है, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे. इसके चलते पंचकूला पुलिस ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को भगौड़ा घोषित करार दे दिया था. उनके खिलाफ साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लेक्स बोर्ड लगाने पर केस दर्ज हुआ था.
पुलिस के सामने पेश होना होगा
हरियाणा सरकार के डिप्टी एजी भुपेंद्र सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है. उन्हें अब पुलिस के सामने सरेंडर करना ही होगा वरना उन्हें किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है.
हालांकि, इस मामले को लेकर दिव्यांशु बुद्धिराजा का कहना है कि चुनाव में हार के डर से सरकार मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रही है. वह मेरे खिलाफ 4 केस दर्ज करवा चुके हैं. पिछले आठ सालों से मैं पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ लोगों की आवाज बुलंद कर रहा हूं. 174A के मामले में एफआईआर दर्ज ही नहीं हो सकती है. इस बारे में जस्टिस मोहन लाल का फैसला है. सबकुछ सरकार के इशारे पर जानबूझकर मुझे दबाने के लिए हो रहा है.
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