नई दिल्ली | गन्ने की खेती से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है. बता दें कि गन्ने की फसल के लिए चोटी बेधक कीट बड़ा हानिकारक होता है, जो गन्ने के कल्ले को ही नष्ट कर देता है इसे Top Borer के नाम से भी जाना जाता है. यदि समय रहते इस कीट पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो पूरी गन्ने की फसल चौपट होने का खतरा बढ़ जाता है. इस कीट की पूरे वर्ष में 4 से 5 पीढ़ियां पाई जाती हैं. इसे किसान कंसुवा, कन्फ्ररहा, गोफ का सूखना, सुंडी का लगना आदि नामों से जानते हैं.
इस तरह करें रोकथाम
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस कीटनाशक की रोकथाम के लिए सबसे अधिक कोराजन का इस्तेमाल किया जाता है. 150ml का उपयोग एक एकड़ के लिए किया जाता है. 150ml की शीशी को 10 टंकियों में मिलाकर पौधे की जड़ पर डालना होता है. ध्यान दें कि इसे स्प्रे नहीं किया जाता है बल्कि इसको टंकी के नाजिल को खोलकर पौधों की जड़ पर डाला जाता है.
चोटी बेधक कीट से ग्रसित कल्लों को जमीन के बराबर या थोड़ा नीचे से काट लें और इसे खेत के बाहर कहीं सुरक्षित स्थान पर डाल दें, जिससे कि अन्य पौधों में न फैले. इन कल्लों को जानवरों को भी खिला सकते हैं. गन्ने की खेती करने के लिए यह लेख पढ़े.
कब करें सिंचाई
खेत में कोराजन लगाने के बाद एक से 2 दिन के अंदर सिंचाई अवश्य कर दें, जिससे कि कीटनाशक पूरे खेत में मिल सके. सिंचाई करने के बाद हो सके तो खेत की जुताई-गुड़ाई करने से बचे, हलांकि अगर जरूरत हो तो कर भी सकते हैं, लेकिन संभव हो तो दूसरी सिंचाई के बाद ही जुताई गुड़ाई करें. दूसरी सिंचाई 10 से 12 दिनों के अंतराल पर अवश्य करें. इसके बाद खेत की अच्छे से जुताई गुड़ाई करें.
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