चंडीगढ़ । हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल जीवन व्यतीत कर रहे परिवारों के राशन कार्ड को बनाने पर हरियाणा सरकार ने रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार के अनुसार प्रदेश में परिवार पहचान पत्र पीपीपी बनाने का कार्य पूर्ण होने के पश्चात नए बीपीएल कार्ड बनाने आरंभ किए जाएंगे. परिवार पहचान पत्र की पंजीकरण प्रक्रिया के समाप्त होने के पश्चात यह निर्धारित किया जाएगा कि हरियाणा में बीपीएल श्रेणी में कितने परिवारों को शामिल किया जाएगा और कितनों के नाम काटे जाएंगे.
हरियाणा में परिवार पहचान पत्र पीपीपी में दर्ज किए गए डाटा के अनुसार हरियाणा सरकार स्वयं ही ऐसे परिवारों को चुन लेगी जो बीपीएल श्रेणी में आने के लायक हैं. बीपीएल परिवारों के लिए पहले से ही निर्धारित नियमों में बदलाव किए जा चुके हैं. पहले 1,20,000 रुपए तक वार्षिक आय वाले परिवारों को बीपीएल श्रेणी में रखा जाता था. लेकिन अब सरकार ने इस दायरे को बढ़ा दिया है. अब ₹1,80,000 वार्षिक आय वाले परिवार भी बीपीएल श्रेणी में आएंगे.
मुख्य बात यह है कि अब 1,80,000 रुपयों तक वार्षिक आय वाले परिवारों को बीपीएल कार्ड बनाने के लिए कोई आवेदन नहीं करना पड़ेगा. हरियाणा सरकार स्वयं ही ऐसे परिवारों का बीपीएल कार्ड बना देगी और जिस परिवार की सालाना आय ₹1,80,000 से अधिक है, उनके नाम बीपीएल श्रेणी से काट दिए जाएंगे. हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को 1000 से लेकर 1200 तक की सहायता हर महीने राशन के रूप में देती है.
पिछले वर्ष ही हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनाने की योजना को आरंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत नवंबर के महीने में बीपीएल कार्ड बनाने की प्रक्रिया को बंद करने का फैसला लिया गया था. बीपीएल कार्ड बनाने के लिए सरल पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई करना होता था. अब आगामी आदेशों तक इस पोर्टल को बंद कर दिया गया है. परिवार पहचान पत्र की पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के पश्चात हरियाणा सरकार बीपीएल के पात्रों की सूची को बनाएगी.
अब हरियाणा सरकार ने हरियाणा के सबसे गरीब 1,00,000 परिवारों को इस वर्ष गरीबी रेखा से ऊपर लाने का निर्णय लिया है. यह वह परिवार होंगे जिनकी वार्षिक आय ₹180000 से कम होगी. सरकार इनकी वार्षिक सालाना आय को ₹180000 से ऊपर उठाने की कोशिश करेगी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेशों पर महिला एवं बाल विकास, श्रम एवं रोजगार, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता जैसे अनेक विभाग अपनी-अपनी योजनाओं को खंगालने में जुट गए हैं.
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