गुरुग्राम । कोविड-19 कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का सबसे पहला केस 12 मार्च 2020 को साइबर सिटी में सामने आया था. इसके पश्चात कोरोना का डर व ख़ौफ़ लोगों के मन में छाने लगा. जागरूक लोगों ने कोरोना के डर से अपने घरों से निकलना तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया था. जिसकी वजह से शहर के बाजारों, मॉल्स और सार्वजनिक स्थानों पर सन्नाटा छाने लगा. औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर लोगों की भारी भीड़ जमा रहती थी, वहां भी कुछ गिने-चुने लोग ही दिखाई देने लगे थे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना वायरस महामारी को लेकर देश को संबोधित किया और जनता कर्फ्यू की बात की. उन्होंने देश के नागरिकों से अपील की कि सभी लोग इस विकट स्थिति में धैर्य से काम लें.
लोगों ने बजाई थाली व ताली
22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश ने सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन किया. इस दिन पूरे देश में लोगों ने थाली और ताली बजाई और करोना योद्धाओं के प्रति अपने आभार को भी व्यक्त किया. 24 मार्च को देश में लॉकडाउन लगाया गया. इसके पश्चात शहर पूरी तरह से थम गए थे. अचानक ही सड़कों से लोगों व वाहनों की भीड़ गायब हो गई. लोगों के मन में कोरोना वायरस को लेकर भारी डर बैठ गया था. इसका प्रभाव यह पड़ा कि पूरे शहर की रौनक गायब हो गई. साइबर हब जैसे क्षेत्र पूर्ण रूप से उजाड़ हो गए.
घरों में सामान एकत्रित करने में जुटे लोग
आवश्यक चीजों का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों के अलावा अन्य सभी कार्य पूर्ण रुप से बंद हो गए. देश के लोग जनता कर्फ्यू के साथ ही अपने घरों के लिए आवश्यक सामान खरीद कर इकट्ठा करने में लग गए. आटा, चावल, ड्राई फ्रूट, साबुन, नमक , तेल, दाल समेत अन्य सभी चीजें खरीदने में लग गए. माहौल पूर्ण रूप से अनिश्चित हो गया था. समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा. इटली, अमेरिका और चीन जैसे देशों में कोरोना ने जो कहर बरसाया था उसे देख कर लोगों में डर फैल गया था. इसी वजह से लोग अपने घरों में खाने पीने की वस्तुओं को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में भरना चाहते थे. कई दुकानदारों ने इस स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास किया. परंतु प्रशासनिक सख्ती की वजह से स्थिति नार्मल हो गई.
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