चंडीगढ़ | हरियाणा में सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई है, जोकि 12 जून से लागू होगी. नई नीति में शराब पीने वाले को मंहगाई का डोज लगा हैं, क्योंकि अब उन्हें पहले के मुकाबले अधिक पैसे खर्च करने होंगे. देशी शराब 5 रूपए और बीयर 20 रूपए महंगी हो जाएगी, जबकि अंग्रेजी व विदेशी शराब पर भी पहले के मुकाबले 5 % तक अतिरिक्त राशि चुकानी होगी.
पहली बार सरकार आयातित शराब को भी इस दायरे में लाई है. प्रावधान किया गया है कि होल सेल से जिस रेट पर ठेकेदार को विदेशी शराब मिलेगी, उस पर 20 प्रतिशत लाभ मानकर उस शराब की बिक्री होगी. पहले पॉलिसी में ऐसा प्रावधान नहीं था. शराब ठेकों की नीलामी 27 मई से शुरू होगी.
ठेकेदारों की नहीं चलेगी मोनोपोली
नई आबकारी नीति में शराब ठेकेदारों की मोनोपोली को रोकने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं. वहीं, बार व होटल संचालकों के लिए भी राहत भरा फैसला लिया गया है. पहले होटलों में लाइसेंसी बार चलाने वाले संचालकों को अपने आस- पास के 2 शराब ठेकों से शराब लेने का नियम था. कई बार ठेकेदारों के मनमर्जी के रेट लगाने की शिकायतें आती थीं. दोनों ठेकेदार अपने रेट तय कर लेते थे और होटल संचालकों की मजबूरी थी कि किसी तीसरे से शराब नहीं खरीद सकते थे.
इस बार सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए होटल संचालकों को एक और ऑप्शन दिया है. वह अब आसपास के तीन ठेकों में से किसी से भी शराब खरीद सकेंगे. ये भी शर्त रखी है कि तीनों ही शराब ठेके अलग- अलग लाइसेंस धारकों के होने चाहिए. तीन विकल्प मिलने के बाद तीनों ठेकेदारों में प्रतिस्पर्धा होगी और होटल संचालकों को तय रेट पर शराब मिल सकेगी.
नई आबकारी नीति के कुछ और प्वाइंट्स
- ठेके लेने के लिए पहली बार 3 साल की आईटीआर अनिवार्य, 60 लाख की सीए हस्ताक्षित क्षमता.
- गांव की फिरनी से 50 मीटर दूर ठेका खोला जा सकता है. रात 12 बजे के बाद ठेका खोलने के लिए 20 लाख रुपए वार्षिक अतिरिक्त भुगतान करना होगा.
- L- 1 (अंग्रेजी होल सेल) और L-13 (देशी शराब होल सेल) लाइसेंस की फीस में कोई बदलाव नहीं.
- पिछली बार 10 हजार करोड़ के लक्ष्य के स्थान पर इस बार 12,300 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है.