जींद | हरियाणा में लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) की उठा- पटक के बीच एक गांव के लोगों ने वोट न डालने का फैसला लिया है. जींद जिले की उचाना तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव सुंदरपुरा में सोमवार को एक पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें फैसला लिया गया है. 25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में गांव से कोई भी व्यक्ति मतदान ( Vote) करने नहीं जाएगा.
ग्रामीणों की ये है मांग
मिली जानकारी के अनुसार, गांव सुदंरपुरा सिरसा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत नरवाना विधानसभा क्षेत्र में आता है. गांव की पंचायत उचाना बीडीपीओ कार्यालय के अधीन आती है. पहले गांव की नरवाना तहसील होती थी, लेकिन अब इस गांव को उचाना तहसील में शामिल कर दिया गया था.
ग्रामीण लंबे समय से वापस नरवाना तहसील से जोड़ने की मांग को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई और अब नौबत ऐसी आन पड़ी है कि समस्त गांव के लोगों ने मिलकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन और सरकार की बेरुखी के चलते मजबूर होकर लोकतंत्र के पर्व पर हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है.
उचाना की दूरी ज्यादा
सुंदरपुर गांव के सरपंच लखविंदर श्योकंद ने बताया कि करीब 6 साल पहले उनके गांव को नरवाना तहसील से हटाकर उचाना तहसील से जोड़ दिया गया था. उन्होंने बताया कि ज्यादातर गांव के लोगों का आवागमन नरवाना में ही रहता है. उचाना में ग्रामीणों का ज्यादा काम नहीं पड़ता है, लेकिन अब उन्हें मजबूरी में उचाना आना पड़ता है. नरवाना शहर उनके गांव के बिल्कुल नजदीक है जबकि उचाना दूर पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों को पैसा और समय दोनों की बर्बादी झेलनी पड़ रही है.
एक नाम से पूरे गांव की खेवट
लखविंदर श्योकंद ने बताया कि गांव की खेवट एक नाम से होने के चलते जो ग्रामीण फर्द निकलवाता है, तो पूरे गांव की खेवट एक होने से अलग- अलग फर्द नहीं निकलती है. इसको लेकर ग्रामीणों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की थी, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में सभी ग्रामीणों ने एकमत होकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
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