हरियाणा की साईबर सिटी में दो बिल्डरों की संपत्ति के खरीद- फरोख्त पर लगी रोक, जानें क्या है वजह

गुरुग्राम | साईबर सिटी गुरुग्राम (Gurugram) में स्ट्रक्चरल ऑडिट में सहयोग नहीं करने पर जिला उपायुक्त ने दो बिल्डर की संपत्ति की खरीद- फरोख्त पर रोक लगा दी है. इनमें DLF और रहेजा बिल्डर शामिल हैं. दोनों बिल्डर पर आरोप है कि सेक्टर- 54 स्थित डीएलएफ पार्क प्लेस, सेक्टर- 108 स्थित रहेजा वेदांता और सेक्टर- 109 स्थित रहेजा अथर्वा में सरंचनात्मक ऑडिट करवाने में आ रहे खर्च की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. डीटीपीई की सिफारिश के बाद जिला उपायुक्त ने यह सख्त कदम उठाया है. यह दोनों बिल्डर जब तक ऑडिट राशि को जमा नहीं करवा देते हैं, तब तक यह रोक जारी रहेगी.

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बता दे कि सेक्टर- 109 स्थित चिंटल पैराडाइसो हादसे के बाद जिला प्रशासन के पास करीब 70 रिहायशी सोसाइटियों के निवासियों ने सरंचनात्मक ऑडिट करवाने की मांग को उठाया था. पहले चरण में जिला प्रशासन ने 15 रिहायशी सोसाइटियों का चयन किया था. उपरोक्त तीनों सोसाइटियों में हरियाणा सरकार की तरफ से नियुक्त सलाहकार कंपनियों ने निरीक्षण किया था.

लाखों रुपए की धनराशि पेंडिंग

जांच की एवज में DLF ने करीब साढ़े 61 लाख रूपए, रहेजा ने वेदांता सोसायटी को लेकर करीब 57 लाख रूपए व अथर्वा सोसाइटी को लेकर करीब साढ़े 21 लाख रूपए जमा करवाने हैं. पिछले 8 महीने से नोटिस देने के बावजूद जब यह राशि जमा नहीं करवाई तो डीटीपीई ने जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर इन बिल्डर की संपत्ति से इस राशि को वसूल करने का आग्रह किया था.

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मिली जानकारी के अनुसार, इसी साल 15 फरवरी को जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में स्पेज टावर्स प्राइवेट लिमिटेड ने सेक्टर- 72 स्थित स्पेज प्रिवी सोसाइटी, एडवांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सेक्टर- 70A स्थित द पिसफुल होम्स और सेंट्रल पार्क बिल्डर ने सेक्टर- 48 स्थित सेंट्रल पार्क रिजोर्ट का सरंचनात्मक ऑडिट दो महीने के अंदर खुद करवाने की बात कही थी, लेकिन 3 महीने बीत जाने के बावजूद भी इन तीनों बिल्डर ने सरंचनात्मक ऑडिट के बारे में डीटीपीई कार्यालय को अवगत नहीं करवाया है.

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तहसीलदार को आदेश जारी

ऐसे में डीटीपीई ने सोमवार को नोटिस देकर एक सप्ताह में सरंचनात्मक ऑडिट की रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए हैं. ऐसा नहीं होने पर इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इनकी संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर भी रोक लग सकती है. जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सरंचनात्मक ऑडिट की फीस जमा नहीं करवाने पर 2 बिल्डर की संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई है और इस संबंध में तहसीलदार को आदेश जारी कर दिए गए हैं.

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