कैथल | हरियाणा में किसान पारम्परिक खेती का मोह त्याग कर ऑर्गेनिक और बागवानी खेती की ओर तेजी से बढ़ रहें हैं. इसी कड़ी में कैथल (Kaithal) जिले के सीवन क्षेत्र के किसान खरबूजा व सब्जियों की खेती कर न केवल आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि प्रगतिशील किसानों में खुद को शामिल भी कर रहे हैं.
कैथल के सीवन क्षेत्र के खरबूजे की मांग हरियाणा ही नहीं बल्कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली तक बनी रहती है. उसकी एक बड़ी वजह सीवन क्षेत्र का वातावरण है जो खरबूजे की खेती के बिल्कुल अनुकूल है. यही कारण है कि यहां के किसान नए- नए प्रयोग करते हैं और नए कीर्तिमान भी स्थापित कर रहें हैं.
3 किलो 400 ग्राम का खरबूजा
बागवानी खेती की बदौलत सीवन क्षेत्र के अंतर्गत गोबिंदपुरा गांव निवासी किसान अंतरजीत का नाम आज प्रगतिशील किसानों में शुमार हो चुका है. उन्होंने अपने खेत में 3 किलो 400 ग्राम का खरबूजा लगाया है. अंतरजीत ने बताया कि वह हर साल खरबूजे की काश्त करते हैं और इस बार भी उन्होंने 17 एकड़ भूमि पर खरबूजे की खेती की है.
गोल्डन ग्लोरी किस्म की मिठास की दीवानगी
किसान अंतरजीत ने बताया कि वैसे तो खरबूजे की बहुत सारी किस्में लोगों की पसंद हैं लेकिन गोल्डन ग्लोरी किस्म की मिठास लोगों के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर है. इस बार खरबूजे की खेती से बंपर उत्पादन मिला है. इस बार उनके खेत में जो खरबूजे पैदा हुए हैं उनका आकार और वजन बहुत अधिक हैं.
अभी तक उन्होंने अपने खेत में से 3 किलो 400 ग्राम का खरबूजा निकाला है. उन्होंने बताया कि सीवन क्षेत्र के किसानों को खरबूजा बेचने के लिए मंडी में जाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि व्यापारी खुद खेत में आकर गाडियां लोड करके ले जा रहे हैं.
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