चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने जमीनों के रिकॉर्ड को परिवार पहचान पत्र (PPP) से लिंक करने का निर्णय लिया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जमीनों की मैपिंग का कार्य नंबरदारों की मदद से किया जाएगा और एक वेरिफिकेशन पर नंबरदार के लिए 50 रुपए इंसेंटिव तय किया गया है. इस काम के लिए तहसीलदारों की ट्रेनिंग हो चुकी है.
नंबरदारों की होगी अहम भूमिका
नंबरदारों की सहायता से होने वाले इस कार्य के पूरा होने के बाद यदि किसी को जमाबंदी निकलवानी होगी तो उसके लिए परिवार पहचान पत्र का नंबर ही काफी होगा. इस कार्य को लेकर प्रत्येक सप्ताह सोमवार को समीक्षा होगी और एक महीने में कितना कार्य हुआ, इसकी रिपोर्ट शुक्रवार को डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड, हरियाणा के पास प्रशासन की ओर से भेजी जाएगी. इसको लेकर लैंड रिकॉर्ड डायरेक्टर की ओर से सभी को पत्र जारी किया गया है.
राजस्व रिकॉर्ड को फैमिली आईडी से लिंक करने को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. इस काम में नंबरदारों की भी अहम भूमिका रहेगी. दरअसल सरकार ने अब संबंधित राजस्व संपदा के नंबरदारों की मदद से परिवार पहचान पत्र संख्या के साथ राजस्व रिकॉर्ड मैप करने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि रिकॉर्ड निदेशक की ओर से लेटर जारी किया जा चुका है.
ड्रोन मैपिंग से जुटाया है रिकॉर्ड
प्रदेश के सभी जिलों में यह कार्य किया जाना है. नायब तहसीलदार और तहसीलदारों की ओर से इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट नंबरदारों से लेकर डीसी के पास भेजनी होगी. डीसी के माध्यम से रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी. बता दें कि सरकार की ओर से इस दिशा में काफी समय से कार्य किया जा रहा है.
साल 2022 में तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने अपने बयान में बताया था कि गांवों का ड्रोन बेस मैपिंग कार्य पूरा हो चुका है. मैपिंग का यह कार्य तीन चरणों में पूरा होना है. अब नंबरदारों को इसमें शामिल किया गया है. राजस्व रिकॉर्ड, पीपीपी मैपिंग में शामिल होने वाले नंबरदारों को उनके द्वारा सही ढंग से मैप किए गए क्षेत्र और नाम मैपिंग के लिए हरियाणा परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण की ओर से विकसित एआई सिस्टम द्वारा सत्यापित मासिक प्रोत्साहन भी दिया जाएगा.
सही ढंग से मैप किए गए प्रत्येक एकड़ के लिए प्रोत्साहन राशि 50 रुपए की दर से दी जाएगी. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नंबरदारों के लिए लॉगिन आईडी बनाई गई हैं. इसी उद्देश्य से प्रदेश के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. दोनों को इस बारे में नंबरदारों को जानकारी देनी है.
30 जून तक काम पूरा करने का लक्ष्य
पीपीपी देख रहे समन्वयक नितिन का कहना है कि भूमि निदेशक से लेटर जारी हुआ है. इसके अनुसार, सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को अपने अधिकार क्षेत्र के सभी नंबरदारों से दैनिक प्रगति रिपोर्ट लेनी होगी. दोनों अधिकारी प्रगति रिपोर्ट डीसी के पास सब्मिट करेंगे. इसके बाद, डीसी के माध्यम से भूमि अभिलेख निदेशक को साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट जाएगी. यह कार्य पूरा करने के लिए फिलहाल 30 जून तक का लक्ष्य रखा गया है.
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