हरियाणा में BJP दिग्गजों के हल्कों में कम मतदान ने बढ़ाई चिंता, अलग नजरिए से देख रहीं कांग्रेस

चंडीगढ़ | हरियाणा में 2019 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) में कई दिग्गज नेताओं के हल्के में कम मतदान ने BJP सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है. मतदान प्रतिशत में गिरावट से बीजेपी में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ने से नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं.

BJP Vs Congress INC

शिक्षा मंत्री की विधानसभा में सबसे कम मतदान

  • नायब सैनी सरकार में शिक्षा मंत्री बनी सीमा त्रिखा के विधानसभा क्षेत्र बड़खल में सिर्फ 51% वोटिंग हुई है, जो न केवल फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र, बल्कि पूरे हरियाणा में सबसे कम है. वहीं, उद्योग मंत्री मूलचंद शर्मा भी ज्यादा आगे नहीं है. उनके विधानसभा क्षेत्र बल्लभगढ़ में भी मात्र 54% मतदान हुआ है.
  • विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के विधानसभा क्षेत्र पंचकूला (अंबाला लोकसभा) में भी मात्र 56% मतदान हुआ है, तो वहीं परिवहन मंत्री असीम गोयल के हल्के अंबाला में और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज के हल्के अंबाला कैंट में 62-62 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया है.
  • कैबिनेट में दमदार मंत्री कंवर पाल गुर्जर के विधानसभा क्षेत्र जगाधरी में 74% वोटिंग हुई है. बीजेपी विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के विधानसभा क्षेत्र यमुनानगर में 64% मतदान हुआ है. सीएम नायब सैनी के पैतृक हल्के नारायणगढ़ में 69% और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करनाल विधानसभा में 57% वोटिंग हुई है.
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कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में स्थिति बेहतर

पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा के हल्के गढ़ी- सांपला- किलोई और महम हल्के से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के विधानसभा क्षेत्र में 79% मतदान हुआ है. वहीं, INLD विधायक अभय चौटाला के ऐलनाबाद हल्के में भी 75% वोटिंग हुई है. बरोदा से कांग्रेस विधायक इंदुराज नरवाल के हल्के में 62%, तो वहीं भिवानी लोकसभा सीट के अंतर्गत किरण चौधरी के तोशाम विधानसभा क्षेत्र में 57% लोगों ने मतदान किया है.

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कम मतदान को लेकर दोनों पार्टियों की अलग- अलग राय

लोकसभा चुनाव, 2024 में कम मतदान को भारतीय जनता पार्टी पॉजिटिव तरीके से देख रही है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मतदान को कांग्रेस पार्टी अपने लिए फायदेमंद बता रही है. किसान आंदोलन से प्रभावित कुरूक्षेत्र, सिरसा और अंबाला में ज्यादा मतदान हुआ है, तो वहीं हिसार और भिवानी में कम वोटिंग हुई है. इन सभी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का मुकाबला है.

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