पेड़ को बचाने के लिए शख्स ने कर दिया गजब काम, 17 साल पुराने पेड़ को बचाने के लिए कटवा दी घर की छत

करनाल | ज्यादा गर्मी के चलते लोग अब पर्यावरण की चिंता कर रहे हैं. एक दूसरे को ज्यादा- से- ज्यादा पेड़ लगाने की सलाह भी दे रहे हैं. वहीं, कुछ लोग कहते हैं कि जो पेड़ पहले से लगे हुए हैं उनको भी बचा लिया जाए तो भी बहुत है. आमतौर पर देखा जाता है कि जब किसी मकान का निर्माण किया जाता है तो उसमें रुकावट पैदा करने वाले पेड़ को लोग बिना कुछ सोचे समझे कटवा देते हैं. पेड़ बचाने के लिए करनाल के एक व्यक्ति ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जो सभी के लिए प्रेरणा साबित हो सकती है.

Karnal Tree compressed

दरअसल, घर की छत को डालने के लिए पेड़ बीच में बाधा बन रहा था. तब परिवार ने पेड़ को कटवाने के बजाय घर की छत में ही सुराग करवा डाले. पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी अच्छी सोच को देखते हुए वन विभाग द्वारा परिवार की सराहना की गई है.

17 साल पहले माँ ने लगाया था आम का पेड़

दरअसल, करनाल निवासी विशाल शर्मा के घर में 17 साल पहले उनकी मां ने आम का एक पौधा लगाया था. अब यह छोटा पौधा अब एक विशाल पेड़ बन चुका है. इस पेड़ को देखकर विशाल के जेहन में उसकी मां की यादें ताजा हो जाती हैं. अब जब परिवार ने घर को दोबारा बनाने की सोची, तो उसके बीच यह पेड़ बाधा बन रहा था.

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अब उसके पास दो विकल्प थे- या तो पेड़ को कटवा दे या फिर अपने घर के डिजाइन को खराब कर ले. उन्होंने दूसरे विकल्प को चुनते हुए राजमिस्त्री से कहकर पेड़ को सुरक्षित रखने के लिए छत के रास्ते ही पेड़ निकलवा दिया.

लोगों ने दी पेड़ कटवाने की सलाह

इस प्रकार एक हरा भरा पेड़ कटने से बच गया. विशाल बताते हैं कि हमारी गली में एक भी पेड़ नहीं था, जिससे गली बेजान सी महसूस होती थी. ऐसे में हमने निर्णय लिया कि हम इस पेड़ को बचाएंगे, ताकि गली का पर्यावरण साफ और शुद्ध रह पाए. विशाल की पत्नी मोनिका शर्मा ने बताया कि मकान बनाते हुए लोग कह रहे थे कि पेड़ को कटवा दो, नहीं तो पूरे मकान का डिजाइन खराब हो जाएगा. हम इसे कटवाना नहीं चाहते थे, क्योंकि इससे हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा, हमारे पास कोई भी पेड़ नहीं है. यह पेड़ छाया तो दे ही रहा है साथ ही फल भी देता है और हम इन फलों को काटते हैं.

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भगवान विष्णु का प्रतीक है आम का पेड़

आम का यह पेड़ भगवान विष्णु का प्रतीक है, जिसे हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है. इस पेड़ के कारण के घर का तापमान 2 से 3 डिग्री कम रहता है. कोरोना काल के समय ऑक्सीजन की कमी से जब पूरा देश जूझ रहा था, तब हमें पेड़ों का महत्व पता लग गया था. उन्होंने लोगों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पेड़ लगाए, ताकि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से बचा जा सके.

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वन विभाग ने की सराहना

जिला वन अधिकारी जय कुमार ने परिवार की इस अनोखी पहल की सराहना की और कहा कि अन्य लोगों को भी ऐसे परिवार से सीख लेनी चाहिए. पेड़ हमारे लिए जीवनदाता व वायु दाता हैं. हमें इन्हें काटने की बजाय बचाना चाहिए. प्रदेश में प्राण वायु देवता के नाम से योजना चलाई गई है, जिसके तहत पुराने पेड़ों की रखरखाव के लिए पेंशन दी जाती है.

करनाल जिले में 112 पेड़ों को फिलहाल पेंशन देने का काम किया जा रहा है. सरकार चाहती है कि पेड़ों को बचाया जाए और सुरक्षित रखा जाए. विशाल और उसके परिवार ने बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है. यह काफी सराहनीय है. हम सबने किसी भी निर्माण के लिए पेड़ कटते बहुत देखे हैं, लेकिन निर्माण के लिए पेड़ को बचाते हुए देखना बहुत ही कम नसीब में होता है. ऐसा प्रयास हर एक को करना चाहिए.

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