चंडीगढ़ । हरियाणा में कोविड-19 कोरोनावायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सरसों व गेहूं की खरीद के लिए खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि करने का फैसला लिया है. हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं और सरसों व 10 अप्रैल से अन्य फसलों की खरीद आरंभ होने जा रही है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि खरीद बिक्री अर्थात जे फार्म कटने के 48 घंटों के अंदर अंदर किसानों के रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में उनकी फसलों का भुगतान हो जाना चाहिए. यदि इन दो दिनों की समय अवधि में किसी भी किसान की फसल का भुगतान नहीं होता है तो 9 फ़ीसदी ब्याज की दर से किसानों को उनकी रकम पर ब्याज दिया जाएगा.
2 दिनों में होगा बिकी फसलों का उठान
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में फसल खरीद की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यदि खरीदी हुई फसल का 2 दिनों के अंदर अंदर उठान नहीं होता है तो यह जिला उपायुक्तों की जिम्मेदारी बनती है कि वह इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करें और माल को उठाने की व्यवस्था करें. इसी दौरान हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में मौजूद रहे. मीटिंग में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा की प्रत्येक मंडी के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. जिससे कोरोनावायरस को फैलने से रोका जा सके और किसानों को भी अपनी फसलों को बेचने में कोई परेशानी ना आए.
मंडियों में जरूरी सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के दिए आदेश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों से कहा कि समय पर और सुगम तरीके से खरीदारी को सुनिश्चित करने के लिए एडवांस में शेड्यूल्ड योजना बनाई जाए. जल्दी से जल्दी खरीद केंद्रों की स्थापना हेतु स्थानों को चुन लिया जाए. उन्होंने मंडियों में सिलाई मशीनों, बरदाना, धर्मकांटा, मजदूरों की उपलब्धता के सभी इंतजाम करने के आदेश दिए हैं. अनुराग रस्तोगी ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार भुगतान मॉड्यूल को ई खरीद पोर्टल से एकीकृत किया गया है. मीटिंग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव वी उमाशंकर के साथ-साथ अन्य बड़े अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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