एनसीआर | गुरुग्राम में मंगलवार को मीट दुकानें बंद करने का आदेश पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं इस पुरे मामले पर हरियाणा सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. वहीं इस पुरे मामले पर औवेसी समेत कई नेताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि गुरुग्राम जैसा नियम क्या देश में कहीं ओर भी है.
देश के अधिकांश राज्यों में व्यापार मंडल की ओर से तय किया जाता है कि किस दिन दुकान बंद रखनी है. गुरुग्राम जहां विदेशी मूल निवासियों की तादाद भी खूब है, इस फैसले के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं.
दिल्ली में क्या है नियम
देश की राजधानी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मीट की दुकानें किस दिन बंद रखनी है. साप्ताहिक बंदी का फैसला व्यापार मंडल का है. हालांकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में अब मीट के दुकानदारों को यह जानकारी देना जरूरी कर दिया गया है कि वे ‘ हलाल’ का मीट बेच रहे हैं या ‘ झटके’ का.
वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में शुक्रवार को, जबकि कुछ शहरों में मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहती है, लेकिन इसको लेकर कोई सरकारी आदेश नहीं है. मीट को इंसुलेटर फ्रीजर वाहन में ढोना,मीट की दुकानों की धार्मिक स्थलों व सब्जी की दुकानों से उचित दूरी आदि कई नियम बनाए गए हैं जिनका दुकानदारों को पालन करना पड़ता है.
देश के अन्य राज्यों में नियम
गुजरात में किसी स्पेशल त्यौहार के मौके पर मीट की दुकानें बंद रहती है. राजस्थान में महावीर जयंती, अनंत चतुर्दशी पर मीट की दुकानें बंद रहती है. बंगाल में मीट दुकाने बंद करने के लिए किसी खास दिन का कोई आदेश नहीं है. यहां कई जगहों पर वीरवार को मीट की दुकानें बंद रहती है.
नानवेज खाना है या नहीं यह व्यक्तिगत मामला
हरियाणा में सिर्फ गुरुग्राम को छोड़कर अन्य किसी भी दुसरे शहर में मीट की दुकानें बंद करने का कोई आदेश नहीं है. एमसीजी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह का कहना है कि मेरे हिसाब से ये निजी फैसला है. हम किसी पर मीट खाने के लिए दबाव नहीं डाल सकते. इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
राज्य सरकार का लेना- देना नहीं
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यह फैसला गुरुग्राम की लोकल बॉडी की तरफ से लिया गया है. प्रदेश सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है. गुरुग्राम से बीजेपी विधायक सुधीर सिंगला का कहना है कि उन्हें मेयर ने बताया कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है, में उस बैठक में मौजूद नहीं था. मेयर मधु आजाद ने कहा है कि अगर किसी को इस बारे एतराज़ है तो पुनर्विचार किया जाएगा.
वहीं मंगलवार को मीट की दुकानें बंद करने के आदेश पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि दूसरे लोग अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहे हैं, उससे किसी की आस्था भला कैसे आहत हो सकती है. औवेसी ने सवाल उठाया कि इस हिसाब से तो फिर शुक्रवार को शराब की दुकानें भी बंद होनी चाहिए.
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