चंडीगढ़ | लोकसभा चुनावों का परिणाम घोषित हो चुका है. हरियाणा में पिछली बार सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रदर्शन इस बार सिमटकर आधा रह गया है यानि पार्टी को केवल 5 सीटों पर जीत हासिल हुई है. चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद सीएम नायब सैनी का पार्टी नेताओं के साथ मंथन जारी है.
संगठन में दिखेगा बदलाव
हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर रहे मुख्यमंत्री नायब सैनी आज दिल्ली दौरे पर हैं जहां वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार पर फिर से मंथन करेंगे. कुछ महीनों बाद सूबे में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजेगा. ऐसे में हरियाणा में जल्द ही पार्टी का मेकओवर हो सकता है.
हरियाणा में बीजेपी को जहां नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है तो वहीं, संगठन के स्तर पर भी फेरबदल दिखाई देने की पूरी संभावना जताई गई है. विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण को साधते हुए केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकता है.
जातीय समीकरण को साधने की कोशिश
लोकसभा चुनावों में हरियाणा में भाजपा उन विधानसभा सीटों पर सबसे ज्यादा पिछड़ी है, जहां जाट वोटर्स की संख्या ज्यादा थी. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए किसी जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बैठाया जाता है तो कोई हैरानी नहीं होगी. इस वक्त बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में जो बड़े जाट नेता शामिल हैं, उनमें कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ और सुभाष बराला के नाम सबसे आगे चल रहे हैं.
कई जिला अध्यक्षों पर घिरेगी गाज
वहीं, पंजाबी वोट बैंक को साधने की रणनीति पर काम होता है तो संजय भाटिया और मनीष ग्रोवर में से किसी एक को मौका मिल सकता है. इसके अलावा संगठन में भी बड़े स्तर पर बदलाव होने की संभावना है. लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन की आंच कई जिलों के अध्यक्षों तक पहुंच सकती है. पार्टी जल्द से जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करना चाहती है ताकि विधानसभा चुनाव के लिए संगठन अपनी सक्रियता को तेज कर सकें.
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