हरियाणा में हुड्डा गुट ने बढ़ाई अपनी सक्रियता, 5 में से 4 विनिंग कैंडिडेट होने समेत तीन बड़ी वजह

चंडीगढ़ | लोकसभा चुनावों में 5 सीटों पर जीत से गदगद नजर आ रही हरियाणा कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा खेमे से एक्टिव हो गई है. रोहतक में रिव्यू मीटिंग के बाद हुड्डा ने अपने खेमे के सभी नेताओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया है. वह दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर हरियाणा का फीडबैक दे रहे हैं और साथ ही, आगामी विधानसभा चुनावों में जीत की रणनीति बना रहे हैं.

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वहीं, दूसरी ओर पार्टी का दूसरा खेमा रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुमारी शैलजा (SRK) गुट में सन्नाटा पसरा हुआ है. सिरसा लोकसभा सीट से कुमारी शैलजा ने काफी बड़े अंतर से जीत दर्ज की है, इसलिए सिर्फ अभी वहीं एक्टिव नजर आई है और दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाकर उन्होंने इसके संकेत भी दिए हैं.

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हुड्डा गुट के एक्टिव होने की तीन वजह

5 में से 4 जीते हुए उम्मीदवार हुड्डा गुट से

इस बार लोकसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण में हुड्डा का पूरा दबदबा रहा. कांग्रेस के 5 उम्मीदवार जीत कर आए हैं और उनमें से 4 हुड्डा समर्थित है. अब हुड्डा गुट केन्द्रीय नेतृत्व को यह दर्शाने में लगा हुआ है कि टिकट वितरण एकदम सही हुआ है. इसी के चलते हम 0 से 5 पर पहुंचे हैं. अब ये संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में भी पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा का ही दबदबा रहेगा.

वोट शेयर को भुनाने में लगे 

इस बार के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के वोटबैंक में 18% का इजाफा हुआ है. 2019 के लोकसभा चुनावों में 28% वोट हासिल करने वाली कांग्रेस को इस बार 47.07% वोट मिले हैं. अब हुड्डा गुट के नेता हरियाणा में बढ़े वोट शेयर को भुनाने में लगे हुए हैं.

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45 सीटों पर नजर

हुड्डा गुट के एक्टिव होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा की 5 लोकसभा सीटों की 45 विधानसभा सीटों पर नजर है. सोनीपत, रोहतक, हिसार, सिरसा और अंबाला में ज्यादातर विधानसभा सीटों पर वोटों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां पार्टी को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले हैं. इसके अलावा, हारी हुई लोकसभा सीटों पर भी कई विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी को बंपर वोट मिले हैं.

SRK गुट में सन्नाटे की वजह

किरण चौधरी भिवानी- महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांग रही थी, लेकिन हाईकमान ने उनकी जगह पर राव दान सिंह को उम्मीदवार घोषित किया था, जो हुड्डा समर्थित है. इसके बाद, किरण चौधरी पर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने के आरोप लगे. दिल्ली में हुड्डा गुट इस मुद्दे को खूब भुना रहा है. हालांकि, केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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वहीं, रणदीप सुरजेवाला अभी मौन धारण किए हुए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता अपने गृह क्षेत्र कैथल से भी जीत नहीं दिला पाए थे. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कुमारी शैलजा की जीत से एक बात तो स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव में हुड्डा गुट के लिए कुमारी शैलजा राह में मुश्किलें जरूर खड़ी करेगी.

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