HSSC: ग्रुप सी और डी की भर्तियों पर फिलहाल संशय, 5 दिनों में स्थिति साफ होने की संभावना

चंडीगढ़ | बीते दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा की सरकारी भर्तियों में सामाजिक आर्थिक मानदंड के आधार पर मिलने वाले 5 अंको को रद्द कर दिया है. इन 5 अंकों को रद्द करने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से ग्रुप सी और डी पदों पर की जा रही भर्तियों पर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है, पर हो सकता है कि आने वाले दो-पांच दिनों में स्थिति स्पष्ट हो. लगभग 9 दिन पहले हाईकोर्ट का यह फैसला आया था.

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हाई कोर्ट के फैसले को किया जा रहा स्टडी

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के नए अध्यक्ष हिम्मत सिंह बने हैं. नए अध्यक्ष हिम्मत सिंह से पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के पास आयोग के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार था. पर आयोग ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की जाए या सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाए.

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शनिवार को अध्यक्ष पद की शपथ लेने के बाद हिम्मत सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले को हम स्टडी कर रहे हैं. हम सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहें है. यह साफ है कि हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट जाना हमारा अधिकार है और हम पहले उसे देखेंगे.

सरकार की लीगल टीम भी कर रही समीक्षा

इसमें कई कानूनी मुद्दे हैं तो हम पहले इसकी ही फाइट करेंगे. अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पूरी टीम लगी हुई है. सीएम साहब ने भी बयान दिया है कि सरकार की लीगल टीम भी इसकी समीक्षा कर रही है और शीघ्र ही हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

अध्यक्ष से ज़ब पूछा गया कि क्या आयोग हाईकोर्ट में रिव्यू में नहीं जा रहा है. इस पर अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने कहा, ‘देखिए, अभी तक हमारा जो प्लान है, उसे डिसकस रहे हैं, हम उसे फाइल करेंगे. संभावित है कि जब थोड़ा ड्राफ्ट तैयार हो जाए, हम रिव्यू के लिए चले जाएं या सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए चले जाएं.

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अपील तो है ही लेकिन उससे पहले रिव्यू का ऑप्शन है, उसमें भी जा सकते हैं लेकिन अभी हम इसको फाइट करेंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या तब तक कोई भी भर्ती नहीं होगी इस पर अध्यक्ष ने जवाब दिया, ‘हां, अभी हम फैसले को देखते हैं किस एंगल, किन-किन बिंदुओं पर कार्रवाई कर सकते हैं और किन पर नहीं कर पाएंगे.

हाईकोर्ट के फैसले में स्पष्ट है कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड के 5 अंक खत्म कर दिए हैं और कहा गया है कि सीईटी के अंकों के आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो. पद फिर से विज्ञापित किए जाएं और दोबारा प्रक्रिया शुरू की जाए यानी सीईटी को छोड़कर जहां से भर्ती शुरू हुई थी, वहीं रुकी है.

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5 दिन में स्थिति होगी स्पष्ट

ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले में जो तथ्यात्मक कमियां हैं, या तो हम रिव्यू डालकर उन्हें ठीक कराएं या या सुप्रीम कोर्ट जाएं, वहां पर इंतजार करें कि स्टे होती है या नहीं या सुप्रीम कोर्ट भी चले जाएं और इस फैसले को भी लागू कर दें. तो इन 3 ऑप्शन में से आयोग अभी कौनसा विकल्प चुनेगा. इस पर अध्यक्ष ने जवाब दिया कि ‘हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. पर हो सकता है कि जब फाइलिंग की स्टेज आए 2-4-5-10 दिन में तो रिव्यू फाइल करनी होगी तो देखेंगे, लीगल टीम से इस बारे में बातचीत करेंगे.’

अध्यक्ष ने कहा कि हम रिव्यू में भी जा सकते हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में अपील ही करेंगे. हम स्टडी कर रहे हैं. यदि रिव्यू में अच्छी चीजें दिखेंगी तो हम रिव्यू में भी जा सकते हैं.

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