Nirjala Ekadashi: 18 जून को निर्जला एकादशी, बन रहे यह खास संयोग

ज्योतिष | हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है, अबकी बार निर्जला एकादशी 18 जून को है. इस एकादशी (Nirjala Ekadashi) को सबसे कठोर एकादशी भी माना जाता है. इस दिन अन्न, जल ग्रहण नहीं किया जाता. बता दे कि ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही निर्जला एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी और बड़ी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है. आज की इस खबर में हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिनको करने से आपको विशेष लाभ मिलने वाला है.

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कब है निर्जला एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून को 4:42 मिनट से शुरू होगी, जो 18 जून को 6:30 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा. इस साल निर्जला एकादशी पर कई प्रकार के शुभ संयोग भी बन रहे हैं. दिनभर शिवयोग रहने वाला है. इसके बाद, सिद्ध योग लग जाएगा और दोपहर में 3:56 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5:24 तक त्रिपुष्कर योग भी रहने वाला है.

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इस दिन दान करने का विशेष महत्व

निर्जला एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व बताया गया है, इस दिन आप जल, छाता, जूता आदि का दान कर सकते हैं. निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पूजा करने के साथ- साथ आपको पीपल के पेड़ में जल भी अर्पित करना चाहिए. अगर आप भी निर्जला एकादशी के दिन व्रत कर रहे हैं, तो आपको उसकी कथा अवश्य ही सुननी चाहिए.

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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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