चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की ग्रुप सी और डी की सरकारी भर्तियों में दिए जाने वाले आर्थिक सामाजिक मानदंड के पांच अंको को संविधान के खिलाफ करार दिया है. ऐसे में हाईकोर्ट ने इन अंकों को रद्द कर दिया है. इस प्रकार अब सभी भर्तियां बिना सामाजिक आर्थिक मानदंड के की जाएगी. लेकिन, हरियाणा सरकार हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही है. इसके लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी मेंशनिंग
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में मेंशनिंगहोने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के रूम नंबर 11 में सीरियल नंबर 33 के लिए मेंशनिंग होगी. इसके बाद ही सुनवाई की तारीख तय होगी. वहीं, दूसरी तरफ से युवाओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में जाना सरकार का सबसे गलत फैसला होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में भर्ती क़े लिए सरकार के पास बहुत कम समय बचा हुआ है. यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट जाती है तो फिर से यह भर्तियां अटक जाएंगी और कोई भी भर्ती पूरी नहीं हो पाएगी.
बता दें, सरकार ने हाई कोर्ट में रिव्यू न दायर कर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का फैसला किया था. सरकार का कहना है कि वह पहली तारीख पर अंतरिम आदेश का इंतजार करेगी तथा जिस प्रकार का भी ऑर्डर आता है उसी प्रकार आगे का काम शुरू किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट जाने के पीछे सरकार ने तर्क दिया है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को सही ठहराया हुआ है.
डबल बेंच के फैसले को नहीं पलट सकती डबल बेंच
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को आधार बनाया जाएगा. इतना ही नहीं खंडपीठ ने तो हरियाणा सरकार की तारीफ भी की हुई है. ऐसे में डबल बेंच के फैसले को डबल बेंच नहीं पलट सकती. अगर फैसला पलटना है तो बड़ी बेंच यानी की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई होनी चाहिए थी. ऐसे में नई खंडपीठ भी दो जजों की बनाई गई थी, जिसने पहली खंडपीठ क़े फैसले को बदल दिया था.
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