करनाल में DEO के ड्राइवर ने की आत्महत्या, शव को लेकर प्रेमिका व परिजनों के बीच हंगामा

करनाल । हरियाणा के करनाल से शुक्रवार को एक हैरानी भरा वाक्या सामने आया. यहां शिक्षा विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की खुदकुशी करने के बाद उसके शव को लेने पूर्व पत्नी मां के साथ आ गई. इन दोनों के इतर लिव इन रिलेशन में रह रही प्रेमिका ने भी शव पर हक जता दिया. दोनों तरफ से शव को लेजाने के लिए काफी देर तक हंगामा होता रहा. प्रेमिका शव को पाने के लिए मृतक के परिजनों व पुलिस दोनों से भिड़ गई. आखिर 5 घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने शव उसकी मां और पत्नी को ही सौंपा.

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करनाल जिले के गांव रायपुरा जाटटान का हरिओम पिता की मौत के बाद उसकी जगह शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर नौकरी लग गया था. गुरुग्राम को करीब 38 साल के हरिओम ने संदिग्ध हालात में सेक्टर 32 ग्राउंड में जहर खा लिया. तबीयत बिगड़ने पर उसकी लिव इन पार्टनर ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी मृत्यु हो गई. शुक्रवार को पोस्टमार्टम के दौरान सुबह करीब 9 बजे हरिओम की लिव इन पार्टनर कुछ लोगों के साथ मोर्चरी हाउस पहुंची. इसी बीच हरिओम की मां कृष्णा, पत्नी सुमन और अन्य परिजन भी पहुंच गए.

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पोस्टमार्टम के बाद दोनों पक्षों में शव को लेकर तनातनी हो गई. दोनों पक्षों को एसपी गंगा राम पूनिया ने भरोसा दिलाया कि अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. दोनों पक्ष एक बार फिर मोर्चरी पहुंचकर आमने-सामने आ गए. जिसके चलते सेक्टर 32-33 के थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया. डीएसपी विजय देशवाल के समझाने पर भी जब दोनों में से कोई पक्ष नरम नहीं पड़ा तो आखिर कड़ी मशक्कत के बाद डेढ़ बजे पुलिस ने शव को हरिओम की मां को सौंप दिया.
जैसे ही पुलिस ने शव को हरिओम की मां को सौंपा तो उसकी लिव इन पार्टनर महिला पुलिस से भिड़ गई. वह जमीन पर लेटकर विलाप करने लगी तो वहीं उनके साथ आई महिलाओं ने भी महिला पुलिसकर्मियों के साथ धक्का -मुक्की की.

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10 साल से हरिओम रह रहा था अलग : कृष्णा

मां कृष्णा देवी ने बताया कि करीब दस साल पहले वह करनाल आकर रहने लगा और उन्हें पता चला कि वह पंजाब के मुकेरियां, जिला होशियारपुर की रहने वाली महिला के साथ रह रहा है. जब वह उसे परेशान करती थी तो हरिओम उनके पास आ जाता था. उन्होंने आरोप लगाया कि उसके उक्त महिला से तंग होकर ही आत्महत्या की है. मां कृष्णा ने बताया कि हरिओम का पत्नी सुमन से तलाक को लेकर अदालत में केस चल रहा था और कोर्ट के आदेश पर वह पत्नी के नाम करीब आठ हजार रुपए खर्च के तौर पर दे रहा था.

पुलिस बोली,किसे दे शव तो मां ने बेटा खड़ा कर दिया आगे

दोनों पक्षों के बीच तनाव के चलते जब डीएसपी विजय देशवाल कहने लगे कि आखिर शव किसे दे. इस पर हरिओम की मां ने कहा कि बेटा होने के नाते शव पर उनका हक है. उन्होंने हरिओम का करीब 17 वर्षीय बेटा व पत्नी सुमन को भी पुलिस के आगे पेश कर दिया. यही नहीं परिजनों व अन्य ग्रामीणों के अड़ने पर पुलिस ने आखिरकार शव उन्हें ही सौंपने का निर्णय लिया.

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वहीं लिव इन पार्टनर ने बताया कि वह हरिओम को दस साल से जानती थी और करीब डेढ़ साल पहले कलंदरी गेट गुरुद्वारा में दोनों ने शादी भी कर ली थी. गुरुवार की शाम को हरिओम ने उससे फोन कर कहा कि उसने किसी से कर्ज लिया हुआ है और वे लोग उसे परेशान कर रहें हैं. उसने हरिओम को बहुत समझाया कि वह आत्महत्या जैसा कदम ना उठाए, दोनों मिलकर कर्ज चुका देंगे.

मां पक्ष को सौंपा शव : जितेंद्र

सेक्टर 32-33 के थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से छानबीन करने के बाद शव मां पक्ष को सौंप दिया. अब उसके द्वारा आत्महत्या मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है. मृतक ने कर्ज किस्से और क्यों लिया था,यह भी जांच पड़ताल से ही सामने आएगा.

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